छात्रों के लिए करोड़ों की लागत से हॉस्टल भवन के निर्माण कार्य में अनियमितता
तिसरी के मॉडल स्कूल के पास हॉस्टल भवन के निर्माण में भारी अनियमितता। ठेकेदार द्वारा घटिया सामग्री का उपयोग और विभाग की चुप्पी। स्थानीय लोगों ने उपायुक्त से जांच की मांग की। एनजीटी की रोक के बावजूद...
तिसरी, प्रतिनिधि तिसरी के मॉडल स्कूल के पास किए जा रहे हॉस्टल भवन के निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरती जा रही है। संवेदक द्वारा मनमानी तरीके से हॉस्टल भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा हैं और संबंधित विभाग मौन है। विभागीय सूत्रों के अनुसार सर्व शिक्षा विभाग द्वारा तिसरी के मॉडल स्कूल के छात्रों के लिए करोड़ों की लागत से हॉस्टल का निर्माण कराया जा रहा है। इसके निर्माण के लिए सर्व शिक्षा विभाग ने तथा कथित ठेकेदार को ठेका दे रखा है। ठेकेदार द्वारा 4-5 माह से ही हॉस्टल भवन का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। लेकिन अभी तक भवन निर्माण कार्य स्थल के पास स्टीमेट का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है। वहीं संवेदक से प्राक्कलित राशि के बारे में पूछने पर भी नहीं बताया जाता है। खैर, स्टीमेट बोर्ड लगाने में मनमानी रवैया अपनाने के साथ ही संवेदक द्वारा सारे नियम कानून को ताख पर रखकर भवन निर्माण का कार्य किया जा रहा है। हॉस्टल भवन निर्माण कार्य में घटिया किस्म की ईंट का प्रयोग किया जा रहा है और मिट्टी युक्त बालू का प्रयोग किया जा रहा है। बालू को देखने से साफ पता चलता है कि बालू की बजाय नदी की मिट्टी लगाई जा रही है। वहीं निर्माणाधीन भवन में पर्याप्त पानी भी नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण भवन के बनने के पहले ही इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठने लगा है। मजे की बात यह है कि ठेकेदार द्वारा मनमानी बरतते हुए भवन निर्माण कार्य में घटिया किस्म की ईंट और मिट्टी युक्त बालू का प्रयोग किया जा रहा है और विभागीय इंजीनियर मौन है। बहरहाल, स्थानीय लोगों का कहना है कि जब संवेदक द्वारा भवन निर्माण कार्य में घटिया ईट, बालू व अन्य घटिया मैटेरियल लगाया जा रहा है तो संबंधित विभाग के इंजीनियर मौन क्यों हैं। लोगों ने उपायुक्त से हॉस्टल भवन निर्माण कार्य की जांच कर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। अवैध उत्खनन करवाकर बालू का किया गया है डंप : एनजीटी की रोक के बावजूद तिसरी थाना क्षेत्र क्षेत्र के भंडारी व गादी नदी से अवैध उत्खनन करवाकर मॉडल स्कूल स्थित निर्माणाधीन भवन के पास बड़े पैमाने पर बालू का डंप किया गया है। जो जांच का विषय है। सवाल उठता है जब 15 जून से 15 अक्टूबर तक बालू के उत्खनन पर एनजीटी कोर्ट द्वारा रोक लगाई गई है। तो बालू का उत्खनन कैसे कराया जा रहा है।
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