पक्की सड़क के अभाव में जयनगर के ग्रामीण परेशान
पीरटांड़ के जयनगर गांव में पक्की सड़क का अभाव है, जिससे ग्रामीण परेशान हैं। मधुबन के निकट स्थित इस गांव की जर्जर सड़कें रोजगार के लिए आने-जाने वाले लोगों के लिए कठिनाई पैदा कर रही हैं। ग्रामीणों ने कई...
पीरटांड़। झारखण्ड बिहार की सबसे ऊंची चोटी पारसनाथ की गोद मे बसा मधुबन पंचायत के जयनगर गांव में पक्की सड़क का अभाव है। इससे ग्रामीण परेशान हैं। मधुबन से सटे जयनगर गांव की जर्जर सड़क मधुबन की चकाचौंध को मुंह चिढ़ा रही है। जयगनर गांव के ग्रामीण वर्षो से सड़क निर्माण की आस लगाए बैठे हैं। बताया जाता है कि झारखण्ड बिहार की सर्वोच्च चोटी पारसनाथ का न केवल पर्यटन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान है बल्कि जैन अनुआइयों के लिए यह सबसे बड़ा तीर्थस्थल भी है। पारसनाथ की तराई मधुबन से सटे जयनगर गांव है। जयनगर गांव की आबादी लगभग पांच सौ के करीब है। रोजी रोजगार की खातिर जयनगर गांव के ग्रामीणों का मधुबन हमेशा आना जाना लगा रहता है। मधुबन से बेहद सटा जयनगर गांव है पर मधुबन से जयनगर गांव तक अबतक पक्की सड़क नसीब नहीं बन पाई है। मधुबन से जयनगर के रास्ते पंचायत के मुखिया निधि से कुछ मीटर सड़क जरूर बनाई गई है पर गांव तक पहुंचने के लिए यह नाकाफी है। गांव तक पक्की सड़क नहीं होने से गांव के ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कई बार पक्की सड़क निर्माण की मांग की है पर ग्रामीणों के लिए पक्की सड़क नसीब नहीं हो पायी है। आज भी जयगनर गांव के ग्रामीण सड़क निर्माण की आस लगाए बैठे हैं। जयनगर गांव की जर्जर सड़क मधुबन की चकाचौंध को मुंह चिढ़ा रही है। गांव के बिनय कुमार ने कहा कि मधुबन से सटा जयनगर गांव है। रोजी रोटी की खातिर हमेशा ग्रामीणों का आना जाना लगा रहता है। पर जर्जर सड़क के कारण राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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