नागरिकों के लिए बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा भी मयस्सर नहीं
जमुआ प्रखंड में 3.5 लाख की आबादी को बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले एक वर्ष से कोई सरकारी चिकित्सक नहीं है। अस्पताल में केवल जीएनएम के भरोसे स्वास्थ्य...
जमुआ। साढ़े तीन लाख की आबादी वाला जमुआ प्रखंड के नागरिकों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध नहीं है। जमुआ में निर्माण रेफरल अस्पताल का कराया गया, लेकिन यहां अबतक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का ही दर्जा प्राप्त है। जानकारी के अनुसार, जमुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले एक वर्ष से एक भी सरकारी चिकित्सक नहीं है। लिहाजा साढ़े तीन लाख की आबादी के स्वास्थ्य का जिम्मा डॉक्टर नहीं जीएनएम के भरोसे है। जानकार बताते हैं कि जमुआ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सकों के स्वीकृत पद 13 है जिसमें कार्यरत एक भी नहीं, ठीक इसी तरह एएनएम का पद 42 है जिसमें 22 कार्यरत है। जीएनएम का 12 पद है जिसमें 06 कार्यरत, लेब टेक्नीशियन एवं फार्मासिस्ट का स्वीकृत पद 06-06 है। जिसमें 03-03 कार्यरत, ड्रेसर का 06 पद है। जिसमें कार्यरत 04, सफाई कर्मी का 09 पद है जिसमें 06 कार्यरत, ओटी टेक्नीशियन का दो पद है जिसमें एक भी नहीं है। पाक्षक का आठ पद है लेकिन कार्यरत जीरो है। फैमिली प्लानिंग का चार पद जिसमें 01 कार्यरत, निगरानी कार्यकर्ता का 21 पद है जबकि कार्यरत जीरो है। महिला कक्ष सेवक एवं पुरुष कक्ष सेवक का पांच पांच पद है जिसमें कार्यरत जीरो, लिपिक का पांच पद है जबकि कार्यरत जीरो, ठीक इसी तरह स्वस्थ प्रशिक्षक का पद 3, ओटी टेक्नीशियन 2, पाक्षक 8, स्वास्थ्य सेवक 08, महिला स्वास्थ्य प्रदर्शिका 03, मलेरिया निरीक्षक 02 सहित कई अन्य पद है जिसमें एक भी कर्मी कार्यरत नहीं है। बतला दें कि अस्पताल में पिछले काफी समय से महिला चिकित्सक का पद भी खाली है। इसके चलते महिलाओं को मजबूर होकर प्रसव के लिए निजी चिकित्सालयों की शरण लेनी पड़ रही है। अस्पताल कर्मी के अनुसार, उक्त अस्पताल में प्रतिमाह चार सौ से छः सौ महिलाओं का प्रसव होता है जबकि दुर्भाग्य यह है कि एक भी महिला चिकित्सक नहीं है। ठीक इसी तरह ओपीडी में भी नित्य 90 से 100 मरीजों की उपस्थिति होती है लेकिन एक भी चिकित्सक नहीं है। जानकार बताते हैं कि किसी तरह अस्पताल का संचालन कर रहे हैं। कहा कि यहां एक भी पुरुष या महिला एमबीबीएस डॉक्टर नहीं है। बिरनी के डॉ. कुलदीप तिर्की एक डॉक्टर हैं जो बिरनी के अलावा जमुआ का भी अतिरिक्त प्रभार में हैं।
कहा कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत दो चिकित्सक हैं। उसके अलावा 12 जीएनएम है जिससे रोस्टर के अनुसार ओपीडी चलाया जा रहा है। वहीं जीएनएम एवं एएनएम के सहयोग से प्रसव कराया जाता है।
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