वन विभाग और पुलिस कार्रवाई पर पूर्व विधायक ने उठाए सवाल
पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने वन विभाग और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासियों को टारगेट किया जा रहा है। रमेश हांसदा को मांस पकड़े जाने के आरोप में बगैर जांच जेल भेजा...
गावां। पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने वन विभाग और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि इनदिनों अल्पसंख्यक के बाद आदिवासियों को टारगेट किया जा रहा है। कहा कि जिस युवक को नील गाय की हत्या और मांस बरामद के आरोप में पकड़ा गया है। वन विभाग उसे बगैर पूरी जांच किए ही जेल भेज दिया है। कहा कि असामाजिक तत्वों के द्वारा पहले उसे पकड़ा गया और पुलिस की मौजूदगी में मारपीट की गई है। इससे यह मॉब लिंचिंग का प्रयास हुआ है। कहा कि मामला बिगड़ने के बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया है। पुलिस को इसकी जांच कर असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करनी चाहिए। कहा कि अबुआ सरकार में आदिवासियों के समरसता और परंपरा को कुचलने का प्रयास किया जा रहा है। इनकी जल-जंगल और जमीन छीनी जा रही है। लेकिन इस ओर प्रशासन का ध्यान नहीं जा रहा है। कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में दिन के उजाले में अवैध माइका और बेरल पत्थर का उत्खनन हो रहा है। लेकिन वन विभाग और पुलिस इस पर कार्रवाई की बजाय आदिवासियों को टारगेट किया जा रहा है जो कहीं से उचित नहीं है। कहा कि मांस पकड़े जाने के आरोप में जेल गया रमेश हांसदा कहीं से दोषी नहीं है। उसने पैसा देकर मांस खरीदा है। वन विभाग और पुलिस को जंगली जानवरों की हत्या कर उसे बेचनेवालों को पकड़ना चाहिए। कहा कि इस तरह के आदिवासियों पर हमला कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 17 जनवरी के बाद आदिवासी संघर्ष मोर्चा के बैनर तले इसके खिलाफ जनांदोलन को तेज किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने 16 जनवरी को बगोदर में आयोजित महेंद्र सिंह के शहादत दिवस को सफल बनाने की अपील की है।
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