महिका धान से महक रहे हैं खेत, किसान गदगद
बेंगाबाद में सुगंधित महिका धान की बम्पर उपज से किसानों में खुशी का माहौल है। गोविंद भोग धान की खेती कुछ ही किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर की जाती है। इसकी खुशबू से खेत महक उठे हैं, और बाजार में इसका...
बेंगाबाद। सुगंधित धान की फसल से किसानों का खेत गुलजार होने लगा है, वहीं महिका धान की खुशबू से खेत बहियार भी महकने लगे हैं। इस वर्ष महिका धान यानी की गोविंद भोग की बम्पर उपज से किसानों में खुशी का माहौल है। बेंगाबाद प्रखंड के कुछ ही किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर महिका धान की खेती की जाती है। अधिकांश किसान इसकी खेती नहीं करते हैं। कारण इस धान से अरवा चावल तैयार होता है और बाजार में यह काफी महंगा बिकता है। किसानों का कहना है कि गोविंद भोग का चावल 60 से लेकर 80 रुपये प्रति किलो ग्राम के भाव से बिक्री होता है। इस धान के कई अन्य प्रजातीय भी होते हैं। इसमें गोविंद भोग के अलावा कतरनी और तुलसी मंजर के नाम से जाना जाता है। गोविंद भोग से कतरनी का चावल का दाना थोड़ा बड़ा होता है। तीनों प्रजाति धान का काफी खुशबूदार होता है। बताया जाता है कि धान के बिचड़ा तैयार होने से लेकर इसकी बाली निकलने तक इसकी खुशबू दूर दूर तक फैलती है। इतना ही नहीं इसके चावल में खुशबू बरकार रहती है। खीर, पुलाव से लेकर कई तरह का भोग भी तैयार किया जाता है। बेंगाबाद प्रखंड क्षेत्र में तीनों प्रजाति के सुगंधित धान की खेती की जाती है, लेकिन किसान गोविंद भोग के सर्वाधिक खेती करते हैं। किसानों के खेतों में सुगंधित धान की बम्पर ऊपज हुई है। सुगंधित धान की फसल से किसानों का खेत गुलजार होने लगा है। किसानों के खेतों में सुगंधित धान की लहलहाती फसल देखते ही बनती है। धान की निकली बाली से खेत बहियार लहलहाने लगी है। जिससे किसानों में भारी खुशी है।
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