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गिरिडीह के एक अैर बोकारो के दो प्रखंडों में फैला है डुमरी विस

गिरिडीह के एक अैर बोकारो के दो प्रखंडों में फैला है डुमरी विस जाति से ही बनते रहे हैं विधायक संजय कुमार डुमरी। डुमरी विधानसभा क्षेत्र दो जिला के त

Newswrap हिन्दुस्तान, गिरडीहSun, 10 Nov 2024 04:47 PM
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संजय कुमार डुमरी। डुमरी विधानसभा क्षेत्र दो जिला के तीन प्रखंडों में बंटा हुआ है। इस विस में गिरिडीह जिला के डुमरी और बोकारो जिला के नावाडीह और चन्द्रपुरा के नौ पंचायत शामिल है।

सनद रहे कि 1977 से इस विधानसभा में कुर्मी जाति का दबदबा रहा है और डुमरी प्रखंड से बाहर के ही लोग विधायक रहे हैं। 1977 से पहले इस विधानसभा में डुमरी और पीरटांड़ प्रखंड शामिल था। तब कई बार इस प्रखंड के लोगों ने विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया। 1977 से पहले हुए परिसीमन में डुमरी के साथ नावाडीह और चन्द्रपुरा का नौ पंचायत जोड़ दिया गया और तब से डुमरी का कोई भी व्यक्ति यहां से विधायक नहीं बन सका है। 1972 में कांग्रेसी दिग्गज नेता मुरती भगत विधायक बने और क्षेत्र में कई ऐसे काम किये जिसे आज भी लोग उदाहरण देते हैं। वहीं 1952 में कांग्रेस पार्टी से लक्ष्मण मांझी, 1957 और 1962 में राजा पार्टी से हेमलाल परगनैत, 1967 में राजा पार्टी से राजमाता एस मंजरी, 1969 में मध्यावघि चुनाव हुआ और राजा पार्टी से के पी सिंह विधायक चुने गये जो एकीकृत बिहार में पी डब्ल्यू डी मंत्री बने। 1972 में कांग्रेस पार्टी से मुरली भगत विधायक बने। तब तक डुमरी और पीरटांड प्रखंड इस विधानसभा में शामिल था।

परिसिमन के बाद डुमरी नावाडीह और चंद्रपुरा प्रखंड मिलाकर विधानसभा क्षेत्र बना। इसके बाद से 1977 में जनता पार्टी से लालचन्द महतो, 1980 में मध्यावधि चुनाव हुआ और पहली बार झामुमो से शिवा महतो चुनाव जीते और झारखंड कॉमर्स कॉलेज कि स्थापना की। 1985 में शिवा महतो दूसरी बार डुमरी से विधायक चुने गये। 1990 में लालचन्द महतो जनता दल से चुनाव लड़े और सीट को एक बार फिर से हथिया लिया। 1995 में झामुमो से शिवा महतो ने तीसरी बार चुनाव जीतकर डुमरी के विधायक चुने गये। 2000 में लालचन्द महतो जदयू से चुनाव लड़े और विधायक बने और राज्य अलग होने के बाद प्रदेश का पहले ऊर्जा मंत्री बने। 2005 में झामुमो से जगरनाथ महतो पहली बार विधायक बने और 2009, 2014 और 2019 तक लगातार चार बार चुनाव जीत कर रिकॉर्ड दर्ज किया। 2019 चुनाव जीतने के बाद पहली बार स्कूली शिक्षा व उत्पाद मंत्री बने। उनके निधन के बाद मध्यावधि चुनाव हुआ और उनकी पत्नी बेबी देवी आजसू की यशोदा देवी को पराजित कर विधायक चुनी गयीं और समाज कल्याण और बाल विकास मंत्री बनीं। झामुमो का गढ़ माना जाने वाला डुमरी विधानसभा क्षेत्र में 2024 में एक बार फिर झामुमो से बेबी देवी, आजसू से यशोदा देवी मैदान में हैं। वहीं जेएलकेएम से जयराम कुमार महतो की इंट्री से डुमरी विधानसभा चुनाव रोचक हो गया है और मुकाबला त्रिकोण की ओर बढ़ता दिख रहा है।

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