वेदों का अनुशरण करने से ही मानव जीवन कृतार्थ: कमलनयन
देवरी के गादीधाम स्थित रामजानकी चिंतामणि मंदिर में महंत संत स्वामी कमलनयन दास जी महाराज ने भगवान की भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने वेदों और रामचरित मानस के अध्ययन से समाज और राष्ट्र के विकास...

देवरी, प्रतिनिधि। वेद पुराणों के बताए मार्ग पर चल कर भगवान की भक्ति एवं उनके शरणागत होने का अलौकिक सुख प्राप्त हो सकता है। जिससे वैसे मनुष्यों को जन्म-मरण के बंधन से अनिश्चित काल तक छुटकारा मिल सकता है। अयोध्या स्थित मणि राम दास छावनी के उतराधिकारी महंत संत स्वामी कमलनयन दास जी महाराज ने शनिवार को देवरी के गादीधाम स्थित रामजानकी चिंतामणि मंदिर प्रांगण में उक्त बातें कही। गादीधाम स्थित ठाकुरबाड़ी में आयोजित रामचरित मानस महायज्ञ के 61वें महाधिवेशन के अवसर पर पहुंचे महंत दास ने बताया कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम एवं श्री कृष्ण सनातन परंपरा समेत पूरी मानव सभ्यता के शाश्वत परंब्रह्म हैं। वेद शास्त्रों व रामचरित मानस महाकाव्य का नियमित अध्ययन करने से ही एक उत्कृष्ट परिवार, समाज व राष्ट्र निर्माण की परिकल्पना पूरी हो सकती है। कार्यक्रम में मंदिर के मुख्य पुजारी शालिग्राम दास, मदनमोहन दास, विनय कुमार शर्मा, अभिराम शर्मा आदि लोग उपस्थित थे।
इधर, देवरी के जरियाबागी गांव में आयोजित भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ में वृदांवन से आये कथावाचक हर्षित भाई शुक्ल द्वारा संगीतमय कथा कही गई। जिसमें उन्होंने राजा परीक्षित के जन्म से लेकर शुकदेव मुनि के आगमन एवं उनके द्वारा बताये गये ज्ञान के बारे में विस्तारपूर्वक कथा प्रवचन कहकर लोगों को झुमाया।
मुख्य यजमान सत्यदेव तिवारी, विक्रम द्विवेदी, दीपक तिवारी, सुधीर तिवारी, अधीर तिवारी, भूषण तिवारी, श्रवण तिवारी, निरंजन तिवारी, राकेश तिवारी, शशि तिवारी, संतोष तिवारी, प्रवीण तिवारी, सूरज तिवारी, सुनील दास, रोहित तिवारी आदि लोग उपस्थित थे।
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