भक्ति से ही होती है ईश्वर की प्राप्ति: सत्यनारायण
गांडेय में श्री मद्ध भागवत कथा के चौथे दिन, कथावाचक सत्यनारायण पराशर ने कहा कि भक्ति से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि भक्ति की कोई उम्र नहीं होती और यह मानव को परमात्मा से जोड़ती है।...
गांडेय, प्रतिनिधि। वृदांवन के कथावाचक सत्यनारायण पराशर ने कहा कि भक्ति से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है। ईश्वर प्राप्ति का सबसे सुगम साधन भक्ति ही है। भक्ति के माध्यम से ही मानव परम परमात्मा की प्राप्ति कर सकता है। वे गांडेय प्रखंड के उदयपुर पंचायत के बेलडीह गांव स्थित अखिलेश्वर धाम परिसर में आयोजित श्री मद्ध भागवत कथा के चौथे दिन कथा का वाचन कर रह थे। उन्होंने कहा कि ईश्वर की भक्ति की कोई उम्र नहीं होती है। जिस उम्र में ईश्वर प्राप्ति की प्रेरणा मिलती है वहीं समय से भक्ति शुरू हो जाती है। भक्त धुव्र ने छोटे उम्र में जंगल में जाकर भगवान विष्णु की कठिन तपस्या की। भक्त राज प्रहलाद ने भी अपने पिता से विरोध करके भगवान की आराधना की। कथा वाचक ने अपने प्रवचन में भगवान के वाराह अवतार, नरसिंग अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार सहित अन्य प्रसंगों का भी वर्णन किया।
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