दो प्राइवेट अस्पताल को बंद करने का फरमान, कई और निशाने पर
गिरिडीह जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में गिरावट और अवैध निजी अस्पतालों के खिलाफ हिन्दुस्तान की मुहिम रंग लाई है। स्वास्थ्य विभाग ने सांईं परमेश्वर नर्सिंग होम और अंसारी हेल्थ केयर को बंद करने का आदेश...
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शाहिद इमाम गिरिडीह। गिरिडीह जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में दिन-प्रतिदिन आ रही गिरावट और इसके फैले अवैध व मानकविहीन निजी अस्पतालों पर आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान की मुहिम रंग लाई है। पिछले तीन-चार दिनों से ऐसे अस्पतालों के खिलाफ सत्ताधारी झामुमो, माले, जिला आइएमए, स्पेशल ब्रांच और आमलोगों की दर्द भरी पीड़ा को आपके अपने हिन्दुस्तान ने प्रमुखता से उठाया। जिसके बाद जिला स्वास्थ्य महकमा जगा और दो प्राइवेट अस्पतालों को बंद कराने का फरमान सुनाया।
सिविल सर्जन डॉ. शिवप्रसाद मिश्रा ने शुक्रवार को दूरभाष पर बताया कि शहर के सांईं परमेश्वर नर्सिंग होम और अंसारी हेल्थ केयर को फिलहाल बंद करने का फरमान सुनाया गया है। कई और ऐसे नर्सिंग होम की पहचान की जा रही है। शीघ्र इन पर भी कार्रवाई होगी। ऐसी शिकायतों पर फौरी अमल कर आगे जांच का निर्देश दिया जा रहा है।
निरंतर कार्रवाई कर रहा है अस्पताल प्रशासन
सिविल सर्जन ने कहा कि जिले में अवैध नर्सिंग होम पर और बिना डॉक्टर के चल रहे ऐसे नर्सिंग होम पर भी निरंतर कार्रवाई की जा रही है। इस दौरान कई अस्पतालों को फाइन व शो-कॉज भी किया गया है और बंद भी हुए हैं। यह प्रक्रिया निरंतर चल रही है। जैसे-जैसे मामला संज्ञान में आता रहेगा, कार्रवाई होगी।
जांच के बाद फिर खुल जाते है बंद अस्पताल: दूसरी ओर ऐसा मामला संज्ञान में आने पर अस्पताल प्रशासन हरकत में तो आता है, लेकिन तारीख बदलने के साथ ऐसे निजी अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ जांच तक ही रहती है, फिर मामला ठंडा होने पर कार्रवाई रोक दी जाती है। मरीजों की मौत के नाम पर मात्र खानापूरी की जा रही है। जांच में मामलों को रफा-दफा करके संचालकों को फिर क्लीन चिट यह कह कर दे दिया जा रहा है कि जांच में कार्रवाई के लिए साक्ष्य नहीं मिले। कई सील या बंद किए गए अस्पतालों को मात्र इसी कारण खोल दिया गया कि जांच में आरोप सिद्ध ही नहीं हुए।
जगह-जगह अवैध नर्सिंग होम: जिले में जगह-जगह अवैध व मानकविहीन नर्सिंग होम फैले है। जिनमें न एमबीबीएस डॉक्टर है और न ही प्रशिक्षित नर्स-स्टॉफ होते हैं। इन नर्सिंग होम का मोटो सुरक्षित प्रसव कराने की बात कहकर मरीजों से मोटी रकम वसूली करना होता है। इस नेटवर्क में सरकारी डॉक्टर से लेकर नर्स और कर्मी भी संलिप्त रहते हैं। जिसके बल पर नेटवर्क से जुड़े लोग गर्भवतियों को बहला-फुसला कर या फिर सरकारी अस्पताल में लापरवाही की बात बताकर अनहोनी होने की आशंका से डराकर निजी अस्पताल पहुंचा देते हैं। जिसके एवज में ऐसे निजी अस्पताल से इनको मोटा कमीशन मिलता है। कई बार ऐसा होता है कि इनके कहे पर खासतौर से गर्भवती महिला और उनके परिजन फंस जाते हैं और इलाज में जान देने पड़ती है। ऐसे नर्सिंग होम में हाल की कई घटनाओं ने मामले को उजागर किया है।
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