दुग्ध उत्पादन में बड़कीटांड़ ने बनाई है अलग पहचान
बेंगाबाद के बड़कीटांड़ गांव में दूध उत्पादन ने किसानों के लिए रोजगार का एक सशक्त माध्यम बना दिया है। यहां प्रतिदिन 2000 लीटर से अधिक दूध का उत्पादन होता है। दूध से विभिन्न मिठाइयाँ तैयार की जाती हैं।...
बेंगाबाद, प्रतिनिधि। बेंगाबाद के ग्राम पंचायत बड़कीटांड़ दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाए हुए है। खेती बारी के साथ साथ किसान सह गोपालकों के लिए दुग्ध का व्यवसाय रोजगार का एक सशक्त माध्यम बना हुआ है। यहां के शत प्रतिशत किसान दूध का व्यवसाय करते हैं। बताया जाता है कि प्रतिदिन गांव में दो हजार लीटर से अधिक दूध का उत्पादन होता है। दूध उत्पादन के क्षेत्र में यह गांव दूसरे गांवों से काफी आगे है। किसान भारी मात्रा में दूध का कारोबार करते हैं। यहां के उत्पादित दूध बेंगाबाद, छोटकी खरगडीहा, सियाटांड़, नवडीहा, कुरहोबिंदो, महेशमुंडा सहित दूर दूर तक दूध की बिक्री की जाती है। गांव में एक हजार से अधिक दुधारू पशुओं का किसान पालन पोषण करते हैं और उसके रख रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाता है। दुधारू पशुओं को घास चरने के लिए जब सुबह गांव से बाहर निकाला जाता है तो एकत्रित पशुओं का नजारा देखते ही बनता है। सुबह और शाम को दुधारु पशुओं का नजारा देखते ही बनता है। बड़कीटांड़ बड़ी आबादी वाली पंचायत है। किसान कहते हैं कि खेती बारी के साथ साथ दूध का व्यवसाय रोजगार का एक सशक्त माध्यम बना हुआ है।
बड़कीटांड़ के दूध से सजती है मिठाई दुकानें : बड़कीटांड़ गांव के उत्पादित अधिकांश दूध मिष्टान्न भंडारों में बेचा जाता है। इन मिष्टान्न भंडारों में दूध से तैयार किया गया तरह तरह की मिठाई दुकानों में सजती है। बताया जाता है कि गाय दूध से सर्वाधिक छेना तैयार होता है। छेना के अलावा दूध से खोवा, मेवा, पनीर सहित कई तरह का आईटम तैयार किया जाता है। बताया जाता है कि दूध से तैयार छेना, खोवा के हिसाब से किसानों को पैसा भुगतान किया जाता है। किसानों की मानें तो पशुओं का गोबर रासायनिक खाद से भी अधिक उर्वरा शक्ति है। किसान गोबर को अपने अपने खेतों में डालते हैं। जिससे खेतों में फसलों की बम्पर उपज होती है। खेती के साथ गो पालन के धंधा से यहां के किसान काफा खुशहाल हैं।
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