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सेविका की मनमानी से ग्रामीण परेशान, मनमर्जी से आती हैं केन्द्र

गोंगरा आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका सोनम कुमारी की लापरवाही से ग्रामीण परेशान हैं। सेविका सप्ताह में केवल एक दिन आती हैं और बच्चों को पोषण नहीं मिल रहा है। केंद्र में पोषाहार एक्सपायर होने के कगार पर है...

Newswrap हिन्दुस्तान, गिरडीहSun, 6 April 2025 05:17 PM
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सेविका की मनमानी से ग्रामीण परेशान, मनमर्जी से आती हैं केन्द्र

बिरनी, प्रतिनिधि। प्रखण्ड के सिमराढ़ाब पंचायत अंतर्गत गोंगरा आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका सोनम कुमारी की मनमानी से ग्रामीण परेशान हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि सेविका सप्ताह में एक दिन केंद्र पहुंचती है और पूरे सप्ताह उपस्थिति बनाकर कोई बहाना बना कर चली जाती है। सेविका से पूछे जाने पर कहती है उनका बच्चा छोटा है इसलिए समय नहीं मिल पाता है। बावजूद समय निकाल कर केंद्र पहुंचने का प्रयास करती हूं। ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र रोज खुलता है जिसमें सहायिका बबिता देवी एवं पोषण सखी गुड़िया कुमारी उपस्थित रहती है परन्तु सेविका का कभी मन हुआ तो केंद्र आ जाती है अन्यथा वह हमेशा अनुपस्थित रहती है। इस वजह से बच्चे भी न के बराबर केंद्र में रहते हैं। महीने में एक बार अस्पताल से टीका के लिए आए कर्मचारी भी सेविका को फोन करके बुलाते हैं फिर भी वह केंद्र नहीं पहुंचती है। शनिवार को केंद्र में टिका था परन्तु आज भी वह केंद्र में उपस्थित नहीं थी। अस्पताल से आए कर्मचारी उनका इंतजार करते रहे परन्तु वह केंद्र में नहीं पहुंची। टीका के लिए पहुंची महिलाओं ने कहा कि सेविका कभी केंद्र में नहीं रहती है हमलोगों को जो भी कागज देना होता है सहायिका को देते हैं क्योंकि केंद्र में हमेशा वही रहती है। सेविका से कभी कभी ही मिलना होता है। ग्रामीण बताते हैं कि सेविका को जब बच्चा हुआ था तो उन्होंने 6 महीने के लिए छुट्टी ली थी। उनकी छुट्टी खत्म हो गई। बावजूद वह केंद्र नहीं आई। पर्यवेक्षिका से जब इसकी शिकायत की तो पर्यवेक्षिका ने रजिस्टर में कट लगा दिया बावजूद उस कट के ऊपर ही उन्होंने अपनी उपस्थिति बना दी। सेविका के केंद्र से उपस्थित रहने की वजह से बच्चों एवं गर्भवती महिला को मिलने वाला पोषाहार भी नहीं बंट पा रहा है। पिछले दो महीने से केंद्र में रखा पोषाहार एक्सपायर होने के कगार पर है। सहायिका एवं पोषण सखी ने बताया कि टीका के लिए महिलाएं आती है तो पोषाहार मांगती है परन्तु हमारी मजबूरी होती है कि उसे दे नहीं पाती हूं। ठंड में बच्चों को बांटने के लिए स्वेटर मिला है वह भी केंद्र में रखा हुआ है। कुछ बच्चे जो केंद्र आते हैं उन्हें स्वेटर मिला बाकी केंद्र में ही पड़ा है।

क्या कहती हैं पर्यवेक्षिका

पर्यवेक्षिका गजाला आसमीन ने बताया कि वह जिला की बैठक में हैं। वहां से आने के बाद जांच की जाएगी।

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