अक्षय नवमी व्रत पर आंवला पेड़ों की गई विधिवत पूजा-अर्चना
बेंगाबाद प्रखंड में अक्षय नवमी के अवसर पर आंवला पेड़ों की पूजा की गई। श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह से ही थी। ब्राह्मण भोजन के बाद गुप्त दान भी किया गया। अक्षय नवमी पर दान का विशेष महत्व है। इस दिन शिव और...
बेंगाबाद, प्रतिनिधि। बेंगाबाद प्रखंड क्षेत्र में रविवार को अक्षय नवमी व्रत के मौके पर आंवला पेडों की विधिवत पूजा अर्चना किया गया। पूजा अर्चना के लिए सुबह से ही आंवला पेडों के पास श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई थी। इस मौके पर ब्राह्मण भोजन के बाद श्रद्धालुओं द्वारा गुप्त दान भी किया गया। मान्यता रही है, कि अक्षय नवमी के मौके पर किया गया दान और पुण्य कभी क्षय नही होता है। इस सिलसिले में पंडित किशोरी तिवारी ने कहा कि कार्तिक शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को अक्षय नवमी व्रत के रूप में मनाया जाता है। इस व्रत का बहुत बड़ा महत्व है। कहा कि अक्षय नवमी के मौके पर विधिवत आंवला पेड की पुजा अर्चना कर ब्राह्मण भोजन के पश्चात गुप्त दान करने की कथा में वर्णित किया गया है। अक्षय नवमी के मौके पर शिव और विष्णु दोनों का एक साथ वास होता है, और इस पुनीत मौके पर पुजा अर्चना से दोनों का एक साथ पुजा अराधना होता है। जिससे मनुष्य की निर्धनता दुर होता है। एक कथा का उदाहरण प्रस्तुत कर कहा कि माता लक्ष्मी ने अक्षय नवमी के मौके पर आंवला पेड़ की पुजा अर्चना किया था। जिससे प्रसन्न होकर शिव और विष्णु ने उन्हें साक्षात दर्शन दिया था। मौके पर माता लक्ष्मी ने दोनों देवों को आंवला पेड़ के ब्रह्मभोजन कराया था, और खुद प्रसाद ग्रहण किया था। कहा कि कार्तिक पूर्णिमा तक आंवला के पेड़ में विष्णु का निवास होता है। इसके पूजन से मनुष्य को अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है।
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