Joyful Celebration of Sarhul Festival by Tribal Community in Dumri and Surrounding Areas आदिवासी समाज प्रकृति का पूजक और संरक्षक है: धर्मगुरु बंधन, Ghumla Hindi News - Hindustan
Hindi NewsJharkhand NewsGhumla NewsJoyful Celebration of Sarhul Festival by Tribal Community in Dumri and Surrounding Areas

आदिवासी समाज प्रकृति का पूजक और संरक्षक है: धर्मगुरु बंधन

डुमरी में आदिवासी-सरना समाज ने सरहुल पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया। धर्मगुरु बंधन तिग्गा और अन्य अतिथियों ने शोभायात्रा में भाग लिया। शोभायात्रा के दौरान पारंपरिक नृत्य और पूजा-अर्चना का आयोजन किया...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुमलाWed, 2 April 2025 02:04 AM
share Share
Follow Us on
आदिवासी समाज प्रकृति का पूजक और संरक्षक है: धर्मगुरु बंधन

डुमरी, प्रतिनिधि। प्रकृति पर्व सरहुल को लेकर मंगलवार को डुमरी में आदिवासी-सरना समाज के लोगों ने हर्षोल्लास के साथ महोत्सव मनाया। मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में आदिवासी समाज के धर्मगुरु बंधन तिग्गा,थाना प्रभारी अनुज कुमार, मुखिया प्रदीप मिंज, चेतनलाल मिंज, रेखा मिंज और ज्योति बहेर देवी ने शोभायात्रा में भाग लिया। दौरान धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति का पूजक और संरक्षक है। सरहुल पर्व के माध्यम से हम पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत प्रेम प्रकाश भगत द्वारा अतिथियों के स्वागत से हुई। सरना पूजा स्थल पर पुजार बीरबल बैगा की अगुवाई में विधिवत पूजा-अर्चना संपन्न हुई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने सरई फूल अर्पित कर प्रसाद वितरण किया।भव्य शोभायात्रा सरना स्थल से निकलकर डुमरी बस्ती, दुर्गा मंदिर परिसर, क्रूस चौक, नवाडीह होते हुए रविंद्र नगर टांगरडीह के झखराकुंबा पहुंचकर सभा में परिवर्तित हो गई। पारंपरिक परिधान में सजे श्रद्धालुओं ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य किया, जिससे माहौल उल्लासमय हो गया। क्रूस चौक पर स्थानीय लोगों ने शोभायात्रा में शामिल श्रद्धालुओं को शरबत और चना वितरित किया। झखराकुंबा में विभिन्न गांवों से आए नृत्य मंडलियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिन्हें समिति द्वारा पुरस्कृत किया गया। मौके पर समिति के अध्यक्ष जून उरांव, जगरनाथ भगत, वीरेंद्र भगत, हेमंत भगत, सुरेंद्र उरांव, अनिज भगत, रविशंकर भगत, श्रीराम उरांव, वासुदेव भगत, गोपाल भगत, सुखमनी देवी, अन्नपूर्णा देवी, संपति देवी, बिमला कुजूर, अनुराधा देवी, मनोज उरांव, राकेश भगत सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

बसिया में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया सरहुल

बसिया। आदिवासी एकता मंच के बैनर तले मंगलवार को बसिया में पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ सरहुल पर्व मनाया गया। इस अवसर पर खोड़हा दल ने पारंपरिक वेशभूषा में ढोल-नगाड़ों की थाप पर नृत्य-गीत करते हुए कोनबीर स्थित सरहुल अखड़ा पहुंचे। विधिवत पूजा-अर्चना का नेतृत्व बिहारी पहान, राजू पहान, दुर्गा पहान, रतिया खड़िया और विनय पहान ने किया। अपराह्न करीब दो बजे खुदी चौक से भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

कामडारा में निकली सरहुल की विशाल शोभायात्रा

कामडारा। प्रखंड मुख्यालय में मंगलवार को सरना धर्म समन्वय समिति और राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के तत्वावधान में भव्य सरहुल शोभायात्रा निकाली गई। इससे पहले सरना पूजा स्थल पर अनिश पहान और विजय सुरीन ने विधिवत पूजा-अर्चना की। पूजा के दौरान जल स्तर का आकलन कर पहान ने बताया कि इस वर्ष अच्छी वर्षा और फसल उत्पादन होगा।इसके बाद सरना झंडा और पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ श्रद्धालु नाचते-गाते हुए शोभायात्रा में शामिल हुए। जो खूंटी-सिमडेगा मुख्य पथ से होते हुए कामडारा मिशन तक गई। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ शाम को शोभायात्रा सरना स्थल लौटी। मौके पर जिला परिषद सदस्य दीपक कंडुलना, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष अजीत केरकेट्टा, युवा अध्यक्ष पिंटू केरकेट्टा, अजीत गुड़िया समेत हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे। सुरक्षा व्यवस्था में कामडारा थाना प्रभारी शशि प्रकाश, सीओ सुप्रिया एक्का, बीडीओ जोसेफ कंडूलना व पुलिस बल तैनात रहे।

सरहुल हमारी धरोहर है,इस परंपरा जीवित रखें: जिग्गा

भरनो। प्रकृति पर्व सरहुल को हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया गया। पड़हा समिति भरनो के तत्वावधान में बोडो सरना स्थल से नवाटोली सरना स्थल तक विशाल शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें प्रखंड के विभिन्न गांवों से हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। पारंपरिक खोड़हा दल के लोग ढोल-नगाड़ों और मांदर की थाप पर नाचते-गाते जुलूस में शामिल हुए।शोभायात्रा के स्वागत के लिए मिशन चौक पर झामुमो और ब्लॉक चौक पर भाजपा मंडल भरनो द्वारा स्टॉल लगाकर श्रद्धालुओं को चना,गुड़ और पानी वितरित किया गया। स्थानीय सामाजिक संगठनों और व्यापारी वर्ग ने भी जगह-जगह शरबत और जलपान की व्यवस्था की।इस शोभायात्रा में विधायक जिगा सुसारन होरो, प्रमुख पारस नाथ उरांव, थानेदार कंचन प्रजापति, झामुमो अध्यक्ष जॉनसन बाड़ा, भाजपा अध्यक्ष हरिशंकर शाही सहित कई जनप्रतिनिधि शामिल हुए। विधायक खुद भी मांदर की थाप पर थिरकते नजर आए। उन्होंने कहा कि सरहुल हमारी धरोहर है। जो प्रकृति प्रेम और एकता का संदेश देता है। उन्होंने युवाओं से इस परंपरा को जीवित रखने की अपील की।

सिसई में 51 खोड़हा सरहुल जुलूस में हुए शामिल

सिसई । प्रखंड में प्रकृति का महापर्व सरहुल हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। केन्द्रीय सरना समिति सिसई के तत्वावधान में मंगलवार को सरना स्थल बाजार डांड से भव्य शोभायात्रा निकाली गई। जो थाना रोड और मेन रोड होते हुए पुराने प्रखंड कार्यालय परिसर में पूजा-अर्चना के साथ संपन्न हुई।शोभायात्रा में प्रखंड क्षेत्र के 51 खोड़ा दलों ने पारंपरिक वेशभूषा में ढोल-नगाड़ों के साथ नृत्य कर उत्सव को और भी भव्य बनाया। सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सिसई पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर पुलिस बल की तैनाती की थी। शोभायात्रा में शामिल लोगों के लिए जगह-जगह चना-पानी की व्यवस्था की गई थी। वहीं मुस्लिम समाज ने केंद्रीय सरना समिति के लोगों का पगड़ी पहना कर स्वागत किया। मौके पर पूर्व स्पीकर डॉ. दिनेश उरांव, जिला परिषद अध्यक्ष किरण बड़ा, एसडीओ सुमंत तिर्की, बीडीओ रमेश कुमार यादव, थानेदार संतोष कुमार सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।