गुमला में किसानों को मिली जैविक खेती की प्रशिक्षण
प्राकृतिक उर्वरक बनाने की सिखाई गई विधि प्राकृतिक उर्वरक बनाने की सिखाई गई विधि प्राकृतिक उर्वरक बनाने की सिखाई गई विधि प्राकृतिक उर्वरक बनाने की
गुमला प्रतिनिधि। झारखंड सरकार के कृषि,पशुपालन एवं सहकारिता विभाग द्वारा किसानों की आय में वृद्धि और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसी क्रम में प्रगति एजुकेशनल एकेडमी द्वारा गुमला स्थित एग्री क्लिनिक सेंटर में किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में किसानों को मृदा परीक्षण,जैविक उर्वरक निर्माण और प्राकृतिक खेती की विभिन्न विधियों पर प्रशिक्षण दिया गया। विशेष रूप से प्याज और अंडे के छिलकों से प्राकृतिक उर्वरक बनाने की तकनीक सिखाई गई। जिससे मिट्टी में कैल्शियम और नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। यह विधि किसानों को यूरिया और डीएपी जैसे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम करने में मदद करेगी। इसके अलावे प्रशिक्षण में झारखंड की जलवायु को ध्यान में रखते हुए टमाटर,आलू और फूलगोभी जैसी फसलों की उन्नत खेती के तरीकों की जानकारी दी गई। प्रशिक्षकों ने किसानों को जैविक खेती अपनाने के फायदे समझाते हुए बताया कि इससे भूमि की उर्वरता बनी रहेगी और उत्पादन में भी वृद्धि होगी। मौके पर पर आईपी पांडेय, जयश्री,निशा कुमारी,अबू रेहान,फरीन बानो, पुष्पा कुमारी समेत कई किसान उपस्थित थे।
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