गुमला में सरहुल की निकली विशाल शोभायात्रा, सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब
गुमला में सरहुल पर्व के अवसर पर मंगलवार को भव्य सांस्कृतिक शोभायात्रा निकाली गई। इसमें आदिवासी समुदाय के साथ अन्य समुदायों ने भी भाग लिया। शोभायात्रा में पारंपरिक नृत्य और संगीत का प्रदर्शन हुआ,...

गुमला, संवाददाता। प्रकृति पर्व सरहुल के पावन बेला में जिला मुख्यालय में मंगलवार को भव्य सांस्कृतिक शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में आदिवासी समुदाय के अलावे अन्य समुदायों के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। सड़कों पर उमड़े जनसैलाब ने समूचे शहर को सांस्कृतिक रंग में रंग दिया।शोभायात्रा से पूर्व केंद्रीय सरहुल संचालन समिति की अगुवाई में दुंदुरिया स्थित सरना स्थल में विधिवत पूजा-अर्चना संपन्न हुई। इस दौरान अच्छी बारिश,फसल की समृद्धि और समग्र खुशहाली की कामना की गई। पूजा-अर्चना में लोहरदगा सांसद सुखदेव भगत, केंद्रीय सरहुल संचालन समिति के दीप नारायण, सागर उरांव, राजनील तिग्गा समेत सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। पूजा-अर्चना के पश्चात जिला मुख्यालय में विशाल शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें दो सौ से अधिक खोड़हा दलों ने सहभागिता निभाई। हर आयु वर्ग के लोग पारंपरिक वेशभूषा में मांदर, ढोल और नगाड़े की थाप पर झूमते नजर आए। महिलाएं और पुरुष कंधे से कंधा मिलाकर पारंपरिक गीत फूल गईल सरई फूल, सरहुल दिन आवे गुइया पर नृत्य करते रहे। शोभायात्रा के दौरान जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को सख्त और प्रभावी बनाया। पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ एंबुलेंस और पेयजल की भी समुचित व्यवस्था की गई थी। एसबीआई शाखा के समीप स्थित सरना स्थल में विधिवत पहान पुजार द्वारा पूजा-अर्चना कराई गई। मौके पर झारखंड के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा, पूर्व सांसद सुदर्शन भगत,पूर्व विधायक शिवशंकर उरांव, कमलेश उरांव, रमावतार भगत, कमल उरांव, देवेंद्र भगत समेत आदिवासी समुदाय के हजारों लोग लोग उपस्थित थे।
छह घंटे तक शहर में गूंजता रहा सरहुल का उल्लास
लगभग छह घंटे तक शोभायात्रा ने जिला मुख्यालय के विभिन्न मार्गों का परिभ्रमण किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने परंपरागत नृत्य और संगीत के माध्यम से अपनी संस्कृति का भव्य प्रदर्शन किया। यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात रहे। जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्ण रूप से संपन्न हो सका।
सेवा भाव से विभिन्न संस्थानों ने लगाया स्टॉल
सरहुल की शोभायात्रा को सफल बनाने में शहरवासियों ने उल्लेखनीय योगदान दिया। शोभायात्रा में उमड़े जनसैलाब की सुविधा हेतु विभिन्न सामाजिक संगठनों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों ने दो दर्जन से अधिक पेयजल स्टॉल लगाए। इन स्टॉलों में चना, पानी शर्बत वितरित किये जा रहे थे। जिससे श्रद्धालुओं को राहत मिली।
मंत्री लिंडा नगाड़ा बजा थिरके
झारखंड के कल्याण मंत्री चमरा लिंडा पहली बार जिला मुख्यालय के सरहुल जुलूस में शामिल हुए। उन्होंने पूरे जोश और उमंग के साथ नगाड़ा बजाते हुए पारंपरिक नृत्य किया और लोगों को सरहुल पर्व की महत्ता बताते हुए शुभकामनाएं दीं। भाजपा एसटी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर उरांव और पूर्व विधायक कमलेश उरांव ने भी मांदर बजाकर इस पारंपरिक पर्व में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की।
यातायात और बिजली आपूर्ति प्रभावित
शहर में उमड़े जनसैलाब और शोभायात्रा के कारण पूर्वाह्न बाद भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई, जिससे कई यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने पड़े। वहीं, सुरक्षा कारणों से अपराह्न तीन बजे के बाद शहर में बिजली आपूर्ति अस्थायी रूप से बाधित रही।
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