रोज-रोज भाड़े की बढ़ोत्तरी और महंगाई की पड़ रही चौतरफा मार से समाज का हर वर्ग त्रस्त
बढ़ती महंगाई की मार ने आमजनों का जीना मुहाल कर रखा है। सब्जियों के दाम जहां पहले से ही आसमान छू रहे थे वहीं अब पेट्रोल डीजल की कीमतों में रोज हो रही...
गुमला संवाददाता
बढ़ती महंगाई की मार ने आमजनों का जीना मुहाल कर रखा है। सब्जियों के दाम जहां पहले से ही आसमान छू रहे थे वहीं अब पेट्रोल डीजल की कीमतों में रोज हो रही बढोत्तरी का बहाना बनाकर खाद्यान्न की ऊंची कीमतें चुकाने की बाध्यता ने निम्न मध्यम वर्गीय घरानों का बजट बिगाड़ रखा है। उधर रसोई गैस की बढ़ी कीमत गृहणियों को तो जैसे मुंह चिढाने पर ही आमादा है। गुमला में गैस सिलिंडर के लिए लोगों को लगभग आठ सौ रुपये चुकाने पड़ रहे हैं जबकि इसके एवज में सब्सिडी के नाम पर खाते में महज 37 रुपए की राशि ही आती है जो सब्सिडी के नाम पर किसी तमाशा से कम नहीं। हालात यह है कि उज्ज्वला योजना के नाम पर हर घर मे रसोई गैस के सिलिंडर पहुंचा जरूर दिए गए पर बढ़ी कीमत ने निम्न आय वर्ग वालों को फिर से लकड़ी चूल्हा के प्रयोग की ओर धकेल दिया है। कार,बाईक से सफर करने वालों को पेट्रोल, डीजल की बढ़ी कीमत ने अब पैदल चलने पर मजबूर कर दिया है वहीं ऑटो चालक बढ़ी कीमत की तुलना में मुनासिब भाड़ा न मिलने से अलग परेशान हैं। रोज ब रोज भाड़े की बढ़ोत्तरी और महंगाई की पड़ रही चौतरफा मार से समाज का प्रायः हर वर्ग आर्थिक व मानसिक रूप से त्रस्त हैं। पेट्रोलियम पदार्थ के बढ़े हुये दाम पर गुमला के टेंम्पो चालकों में जोरदार प्रतिक्रिया दिखा। पेट्रोल व डीजल के रोज के रोज दाम में बृद्धि हो रही है। रविवार को ₹पेट्रेल 86:19रूपये था, लेकिन आज दाम ₹87:39 है। काफी परेशानी होगी है । डीजल का दाम ₹85 रूपये प्रति लीटर है। अभी स्कूल कॉलेज सभी बन्द है जिसके कारण यात्री भी नही मिलते हैं और जो मिलते है उसके हिसाब से भाड़ा निर्धारण पर यात्री ज्यादा भाड़ा कह कर नही जाते हैं। टेंम्पो भुनेश्वर सोनी ने बताया कि काफी परेशानियों का सामना करना पर रह है। संजय गुप्ता ने बताया कि डीजल के बढ़े हुए दाम परेशान कर रखा है। भर दिन बैठने के बाद भी यात्री कम आते हैं। और सस्ता किराया चाहते हैं। कैसे करें। हमारे भी बाल-बच्चे हैं । कैसे उनका टेम्पो चला कर पेट भरेंगे पता नही। वहीं टेमो चालक लक्ष्मण करमचन्द, और सजाद ने बताया कि टेम्पो बैंक से ऋण पर लिया गया है । तेल के दाम बढोतरी से भाड़ा में थोड़ा इजाफा करने पर यात्री पुराना भाड़ा ही देना चाहते हैं। जिसके कारण टेम्पो कम चलती है खुराकी भी नही निकल पाता है। उपर से बैंक लोन परेशानी का कारण बनी हुई गई है। सरकार हमलोगो के बारे में नही सोचती है। गृहणियों ने बताया कि सरकार पहले घर -घर गैस दी । फिर दाम में बढ़ोतरी की । इलेक्शन के कारण जनता को लुभावना दाम दिया ,फिर उसको खाते से जोड़ दिया ताकि सब्सिडी का प्रलोभन दिया गया । कुछ माह तो सब्सिडी आया लेकिन फिर वह भी लगभग बन्द हो गया या बहुत कम लोगो को बहुत कम सब्सिडी मिलता है।प्रतिमा सुधांशू ने कहा कि सरकार की नीति काफी गलत हसि रोजमर्रा की चीजों के दाम कम होनी चाहिये। जिससे लोग आराम से जीवन यापन कर पाए। वही शशि शंकर ने कहा कि गैस के दाम में बेतहाशा वूद्धि आम जीवन तो तहस नहस कर दिया है। मीरा मिश्रा ने कहा की सरकार को रसोई गैस के दाम को बिल्कुल सामान्य रखना चाहिये। बढ़े हुये दाम से मध्यम वर्ग के लोग काफी परेशान हैं। सरकार गैस के दामो को संतुलित करे। अर्चना सिंह का कहना है कि इस कोरोना काल मे जहां लोगो की आय बहुत कम हो गई है ,वही सरकार रोजगार देने के बजाय रोजमर्रा के सामग्रियों के दामों में इजाफा कर आम जनता को गलत रास्ता अख्तियार करने के लिए प्रेरित कर रही है। सरकार को इस पर सोचना चाहिये। प्रभा देवी का कहना है कि सरकार गरीवों से छल कर रही है।जो गरीब है और गरीब हो रहे है। लोग परेशान है।
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