दशक बीत जाने के बाद भी चार प्रखंडो की लाईफ लाईन कहे जाने वाली सड़क अधूरी
38 किमी लंबी सड़क में बनने वाले 12 पुल आधे-अधूरे बने38 किमी लंबी सड़क में बनने वाले 12 पुल आधे-अधूरे बने38 किमी लंबी सड़क में बनने वाले 12 पुल आधे-अधूरे बने38 किमी लंबी सड़क में बनने वाले 12 पुल...
सिसई-बसिया मुख्य पथ का सड़क कई दशक बीत जाने के बाद भी अधूरा पड़ा है। जिसका खामियाजा सिसई और बसिया प्रखंड हजारो ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। आए दिन इस निर्माणाधीन सड़क में दुर्घटनाएं होती रहती है। जिससे अब तक कई लोग असमय काल-कल्वित हो गये तो कई स्थानीय रूप से दिव्यांग हो गये। भौगोलिक स्थिति के कारण यह सड़क सिसई विधानसभा में आने वाले चार प्रखंडों सिसई,भरनो,बसिया,कामडरा को जोड़ने वाले यह एक लाइफ लाइन मानी जाती है। इस विधानसभा क्षेत्र कई बार बड़े-बड़े नेता बनकर उभरे हैं ,परंतु अभी तक यह सड़क की दुर्दशा वर्षों बीत जाने के बाद भी वहीं के वहीं है। इस क्षेत्र विधायक रहे डॉ दिनेश उरांव विधान सभा अध्यक्ष रहे,वहीं झारखंड सरकार में मंत्री रही गीता श्री उरांव मंत्री रही। फिर भी इस सड़क का भाग्य नहीं बदल सका है। इन नेताओं ने अपने कार्यकाल में कई बार इस सड़क की टेंडर कराया है फिर भी अभी तक यह सड़क अधूरा पड़ा है।सड़क की लंबाई लगभग 38 किमी है। जिसमें 12 हाई लेवल पुल बनाना है।अब अभी तक सभी पुल अधूरा पड़ा है। सड़क में लगभग 20 किमी पर जगह जगह में काली करन कर दिया गया है परंतु वह भी उखड़ रहा है। करीब 15 किमी में जगह जगह पर बड़े-बड़े बॉर्डर बिछा दिया गया है। बड़े-बड़े गड्ढे हो गये है वह भी इस मार्ग पर होने वाले दुर्घटनाओं के प्रमुख कारक साबित होते रहे हैं। सड़क हालत देख बाईक समेत वाहनों को चलाने के लिए लोग घबराते हैं। सड़क में डस्ट और धूल की उड़ती कणों से लोगों को चलने में काफी परेशानी होती है। सड़क में बने बड़े-बड़ा गड्ढे के कारण रात में पुलिस हो या आम जनता लोगों को भय का माहौल बना रहता है। सिसई और बसिया के बीच तीन जगहों पर बड़ा मार्केट लगता है। जहां आस पास के व्यवसायी वर्ग के लोग बड़े पैमाने पर खरीद बिक्री करने के लिए इसी जर्जर सड़क के सहारे आना-जाना करते हैं।
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