Hindi Newsझारखंड न्यूज़गुमलाDrinking water crisis in Gumla due to sudden high heat

गुमला में अचानक तेज गर्मी पड़ने के कारण गहराने लगा पेयजल संकट

जिले में 5064 चापाकल खराब पड़े हैं,ग्रामीण अंचलों में सोलर जलापूर्ति योजना महज दिखावेजिले में 5064 चापाकल खराब पड़े हैं,ग्रामीण अंचलों में सोलर...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुमलाSat, 6 March 2021 03:04 AM
share Share

गुमला संवाददाता

आदिवासी बहुल गुमला जिले में गर्मी के शुरूआत होते ही जिले में पेयजल संकट गहराने लगा है। और पानी को लेकर यहां लोगों की परेशानी बढने लगी है। फरवरी का महीने बीतने के साथ ही जिले में अचानक तेज गर्मी पड़नी शुरू हो गई। जिससे तालाब,कुंआ और अन्य जलस्त्रोतो के जल स्तर तेजी नीचे चले गये,वहीं नदियों का भी जल स्तर भी काफी कम हो गया है।अचानक गर्मी तेज हो जाने और पानी की संकट शुरू हो जाने के बावजूद जिला प्रशासन,पेयजल स्वच्छता विभाग और नगर परिषद इस समस्या से निबटने के को लेकर अब तक कोई कार्य योजना तक नही बना पाये हैं। जिला मुख्यालय के बड़ाईक मुहल्ला,जवाहर नगर, खडिया पाड़ा समेत कई इलाके ड्राई जोन के रूप में चिन्हित हैं। इन इलाको में पानी का संकट अब गहराने लगा है। वहीं जिले के के ग्रामीण इलाकों में पेयजल के लिए पेयजल जल स्वच्छता विभाग द्वारा बड़ी संख्या में चापाकल लगाये हैं। प्रखंड मुख्यालयों और सघन आबादी वाले इलाके में वृहत,मिनी और सोलर जलापूर्ति योजनाओं की निर्माण कराया है। जिले में कई बड़े जलापूर्ति योजना का निर्माण कार्य अब भी अधर में लटके हैं,और जो पूर्ण हो गये हैं। वे कई कारणों से जलापूर्ति नही कर रहे हैं। गांवों में लगाये सोलर जलापूर्ति योजना महज लूट-खसोट की योजना बन कर रह है। अधिकांश सोलर जलापूर्ति योजना रख-रखाव और मरम्मत के अभाव में खराब पड़े हैं। जिला मुख्यालय और ग्रामीण अंचलों में लोगों के पेयजल के लगाये चापाकलो की हालत भी खराब है। विभागीय आंकड़ो के मुताबिक जिले में चापाकलों की कुल संख्या 16078 है। इसमें से 5064 खराब पड़े हैं। इससे सहज अदांजा लगाया जा सकता है कि जिले में गर्मी शुरू होते ही किन कारणों से जल संकट गहराने लगा है।

जल्द ही जिला स्तरीय बैठक होगी: एमके मणि

पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता एके मणि ने बताया कि गर्मी के दौरान जिले में संकट की समस्या से बचाने के लिए जिलास्तरीय बैठक आयोजित होगी। इस संबंध में उन्होने नगर परिषद और मैक्निकल के अधिकारियों के साथ मंत्रणा की है। बैठक में जिले में पेयजल समस्या से निबटने के लिए कार्य योजना तैयार कर उसे मूर्त रूप देने का कार्य शुरू किया जायेगा।

पंचायतों में लगे पांच-पांच चापाकल

जिले के सभी पंचायतो में विधायको के अनुशंसा पर पांच-पांच चापाकल लगाये जायेंगे। इस कार्य के लिए पीएचईडी को सरकारी उपलब्ध करा दी गई है। जल्द ही निविदा आमंत्रित पंचायतों में पांच-पांच चापाकल लगाने की योजना की शुरूआत की जायेगी। जिससे ग्रामीण अंचलों में रहने वाले लोगों को गर्मी के मौसम में कुछ हद तक राहत मिलेगी।

तुरबूल के ग्रामीण एक किमी दूर से पानी लाने को विवश

कामडारा। गर्मी की दस्तक के साथ ही कामडारा प्रखंड के गांवों में पेयजल संकट गहरा गया है। प्रखंड मुख्यालय से तीन किमी की दूरी पर अवस्थित तुरबूल डाड़टोली गांव में 20 मकान अवस्थित है।और यहा लगभग 125 लोग निवास करते हैं। गांव में पीने के लिये महज दो चापाकल है ,पर दोनों चापाकल कई माह से खराब पड़े है। पेयजल को लेकर गांव वाले एक किमी दूर गांव से बाहर एक कुंए से पानी लाकर अपनी प्यास बुझाते हैं। गांव में किसी तरह की पेयजल की कोई सुविधा नहीं है। गांव के पारस सिंह का कहना है कि पेयजल की भारी समस्या से हम लोगों गुजरना पड़ रहा है। अरविन्द कुमार सिंह का कहना है कि गांव में सरकारी व्यवस्था के तहत कोई भी सोलरयुक्त जलापूर्ति की व्यवस्था नहीं है। दिलबर सिंह का कहना है गर्मी प्रारंभ होने के साथ ही हमलोगों को पानी के लिये भटकना पड़ रहा है, तो वैसी स्थिति में आने वाले दिनों में हमलोगों पानी के लिये तरसना होगा। पार्वती देवी का कहना है कि शीघ्र पानी की समस्या से निजात दिलाया जाए ।सुमति कुमारी का कहना है कि पानी के लिये घंटो समय बीत जाता है। वर्तमान समय में पंचायत स्तर से पानी की समस्या दूर नहीं हो रही है और न ही खराब चापाकलों की मरम्मत कराया जा रहा है। पंचायत स्तर में पेयजल का कोई फंड नहीं है। इसलिये कोई काम नहीं हो रहा है। विभाग की ओर से खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत कराया जा रहा है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें