कुपोषण की पहचान व निदान के जाने उपाय
धालभूमगढ़ अंचल कार्यालय में महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा कुपोषित बच्चों के लिए उन्मुखीकरण का समर अभियान चलाया गया। इसमें जनप्रतिनिधियों को कुपोषण की पहचान और उपचार के बारे में...
धालभूमगढ़ अंचल कार्यालय में महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से उन्मुखीकरण का समर अभियान चलाया गया। कार्यक्रम में मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्य मौजूद थे। क्षेत्रीय प्रबंधक ओंकार शुक्ला ने कुपोषित बच्चों की पहचान, उसका निदान आदि विषयों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जनप्रतिनिधियों से कुपोषित बच्चों को नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्रों में पहुंचाने की या जानकारी देने की अपील की। अभियान में बताया गया कि इन बच्चों को यहां नि:शुल्क इलाज किया जाता है। देश में यह योजना सर्वप्रथम झारखंड में 29 दिसंबर 2021 को 5 जिलों के साथ प्रारंभ की गई थी। इस योजना में जीरो से पांच वर्ष तक के बच्चों के इलाज की व्यवस्था है। पूर्वी सिंहभूम तथा धालभूमगढ़ में यह योजना नवंबर 2023 से प्रारंभ हुई। धालभूमगढ़ में अब तक 194 बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाई गई है। सितंबर 2024 तक आंगनबाड़ी केंद्रो में 71 कुपोषित बच्चे इलाजरत हैं। कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों में आशा रानी सीट, प्रदीप कुमार राय, दुर्गा देवी मुर्मू, सरस्वती हेंब्रम, बिलासी सिंह, सुमित्रा बास्के, फूलमुनि मांझी तथा बाल विकास पदाधिकारी मायरानी और सुपरवाइजर दानेश दीदी के साथ सभी आंगनबाड़ी दीदीयां उपस्थित थीं।
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