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पांच साल पहले बना अपताल, चिकित्सक देना भूल गया विभाग

पोटका प्रखंड की आसनबनी पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बेहद खराब है। मरीजों को इलाज के लिए 30-40 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। अस्पताल में चिकित्सकों की कमी और सफाई की अनुपस्थिति के कारण...

Newswrap हिन्दुस्तान, घाटशिलाTue, 14 Jan 2025 08:07 PM
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पोटका प्रखंड की आसनबनी पंचायत में स्वास्थ्य सेवा का हाल बदतर है। यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में चिकित्सकों का टोटा है। सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीज चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी से इलाज कराने को विवश हैं। जानकारी के अनुसार, इस पीएचसी के भरोसे तीन पंचायतों (आसनबनी, हाथीबिंधा एवं कुलडीह) के लगभग तीस हजार से भी ज्यादा मरीज आश्रित हैं। ग्रामीणों ने कहा कि नौ वर्ष पहले स्वास्थ्य केंद्र का भवन बना था। पांच साल पूर्व वर्ष 2017 में जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो और तत्कालीन पोटका विधायक मेनका सरदार ने अस्पताल का उद्घाटन किया था। इस दौरान ग्रामीणों को भरोसा दिलाया गया था कि उन्हें बेहतर इलाज की सुविधा मिलेगी। अब बेहतर इलाज और दवाइयों के लिए ग्रामीणों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। प्रखंड के सबसे बड़े अस्पतालों में इसकी गिनती होती थी। लेकिन स्वास्थ्य विभाग एवं जनप्रतिनिधि की उपेक्षा के कारण इस अस्पताल को अब तक न चिकित्सक मिला, और ना ही दवाई।

बता दें, कुछ वर्षों पूर्व सीएचओ और एएनएम की उपस्थिति में अपोलो के चिकित्सकों द्वारा ऑनलाइन मरीजों का इलाज किया जाता था, परंतु इन दिनों यह सुविधा भी बंद कर दी गई है। स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति नहीं होने से स्थानीय गरीब लोगों को इलाज कराने के काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में मजबूरन लोगों को तीस-चालीस किलोमीटर की दूरी तय कर जमशेदपुर एमजीएम आना पड़ता है ।

अस्पताल में कई बार हो चुकी है चोरी

ग्रामीणों ने कहा की रात के समय अस्पताल में कोई नहीं रहता है। इस कारण कई बार चोरी भी हो चुकी है। जबकि एक बार अस्पताल में रखे कंप्यूटर समेत अन्य सामान चोर अपने साथ ले गए हैं। इन दिनों सफाई के अभाव में अस्पताल खंडहर में तब्दील होती जा रही है। अस्पताल के चारों और जंगली झाड़ियां उगी हुई है ।

डॉक्टर की नियुक्ति नहीं, कई कर्मियों ने किया रिजाइन: प्रभारी

पोटका के मुख्य चिकित्सक पदाधिकारी डॉ. रजनी महाकुड़ ने कहा कि पूर्व में अस्पताल में एक सीएचओ की नियुक्ति हुई थी। जबकि साथ में अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी थे। कुछ ने रिजाइन कर दिया, जिसके बाद अभी तक किसी प्रकार की नियुक्ति नहीं किया गया है। जबकि अस्पताल कर्मियों एवं डॉक्टर कि नियुक्ति किए जाने को लेकर विभाग को लिखित देकर अगवत करवाया गया है।

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