चाकुलिया: पद्मश्री जमुना टुडू के नेतृत्व में सुनसुनिया जंगल में मना रक्षाबंधन उत्सव
चाकुलिया के भातकुंडा पंचायत के सुनसुनिया जंगल में पद्मश्री जमुना टुडू के नेतृत्व में वन सुरक्षा समिति और जोहार भारत फाउंडेशन ने रक्षा बंधन कार्यक्रम आयोजित किया। आईटीडीए के प्रोजेक्ट डायरेक्टर दीपांकर...
चाकुलिया: चाकुलिया के भातकुंडा पंचायत के सुनसुनिया जंगल में पद्मश्री जमुना टुडू के नेतृत्व में वन सुरक्षा समिति और जोहार भारत फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को आयोजित रक्षा बंधन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि आईटीडीए के प्रोजेक्ट डायरेक्टर दीपांकर चौधरी ने कहा की जंगल नष्ट होने की भरपाई करना मुश्किल है। जंगल पेड़ पौधा जीवन के लिए अनमोल हैं। जंगल है तो जीवन है।उन्होंने कहा कि चाकुलिया की वन सुरक्षा समिति से जुड़ी माता और बहनें पद्मश्री जमुना टुडू के नेतृत्व में जंगल संरक्षण करने का बेहतर कार्य कर रही हैं। जंगल संरक्षण कार्य में जिला प्रशासन द्वारा हर संभव सहयोग समिति को दी जाएगी। हर एक गांव में जंगल संरक्षण करने के लिए एक एक जमुना टुडू और सुमित्रा महतो बनना होगा। तभी जंगल का संरक्षण होगा। उन्होंने कहा की जंगल संरक्षण होगा तो किसानों के खेत भी कभी सूखेगें नहीं। जब तक माताएं बहनें किसी आंदोलन में नहीं आएंगी तब तक कोई भी आंदोलन सफल नहीं होगा। विशिष्ट अतिथि के सीटी एसपी सह ग्रामीण एसपी ऋषव गर्ग ने कहा की चाकुलिया में आयोजित रक्षा बंधन कार्यक्रम में आकर उन्हें काफी खुशी का अनुभव हुआ है। जंगल संरक्षण कार्य अपने आप में बेहतर कार्य है। सभी माता और बहनें जंगल का संरक्षण कर समाजिक कार्य कर रही हैं। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपील की कि इस कार्य में सभी सहयोग करें। पद्मश्री जमुना टुडू ने कहा कि रक्षा बंधन कार्यक्रम आयोजित कर हर वर्ष समिति की बहनें पेड़ों को अपना भाई मानकर रक्षा सूत्र बांधकर पेड़ों को संरक्षण करने का संकल्प लेती हैं। पेड़ और पौधा हमारे जीवन के लिए अहम हैं।सभी मिलकर पेड़ पौधों का संरक्षण करें और अपने बेटा और बेटी के जन्मदिन पर पांच पांच पौधा जरूर लगाएं। तभी सही मायने में जंगल का संरक्षण होगा। उन्होंने इस आंदोलन को मुटूरखाम गांव के बेड़ाडीह जैसे छोटे गांव से शुरू किया और आज राज्य और अन्य राज्यों में जाकर जंगल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है।जंगल संरक्षण कार्य ने ही उन्हें एक पहचान दी है। समारोह को ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता राजेश रजक,टीआरएफ के डायरेक्टर कौशिक दत्ता ने भी संबोधित किया। उन्होंने वन क्षेत्र पदाधिकारी से मांग की कि जंगल में हाथियों के लिए समुचित व्यवस्था करें। ताकि हाथी भोजन की तलाश में जंगल से बाहर गांव की और रूख ना करें। समारोह में पद्मश्री जमुना टुडू समेत अन्य सदस्यों ने अतिथियों को तुलसी पौधा, अंग वस्त्र, शाल के पत्तों से निर्मित टोपी पहनाकर और मोमेंटो देकर सम्मानित किया।सभी अतिथि और समिति के सदस्यों ने जंगल में साल पेड़ पर राखी बांधकर जंगल संरक्षण करने का संकल्प लिया।अंत में पद्मश्री जमुना टुडू ने सभी अतिथियों की कलाई पर राखी बांधी। वहीं डीएफओ सबा आलम अंसारी ने वन सुरक्षा समिति की सदस्यों के बीच टॉर्च का वितरण किया। समारोह के अंत में जंगल संरक्षण कार्य में बेहतर कार्य करने के लिए वन सुरक्षा समिति की अध्यक्ष कांदोनी सोरेन,संगीता मुर्मू,चिंतामुनी टुडू,समीक्षा मुंडा,मौसमी मुंडा,सुरजमुनी सोरेन,लक्ष्मी मांडी,सुमित्रा महतो,अंजू महतो,छिता सोरेन समेत अन्य को अतिथियों के हाथों सम्मानित किया गया। मौके पर सीओ उपेंद्र कुमार, प्रभावी रेंजर दिग्विजय सिंह, बीडीओ आरती मुंडा,थाना प्रभारी संतोष कुमार, सेवा निवृत्त शिक्षक रामस्वरूप यादव,शंभूनाथ मल्लिक,मानसिंह टुडू,अपू दास,परिमल दास समेत सैकड़ों महिलाएं उपस्थित थे।
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