वैक्सीन लेने के बाद हुई बच्चे की मौत के बाद जनप्रतिनिधियों के दबाव के बाद किया गया पोस्टमार्टम
मुसाबनी में तीन माह के बच्चे की मौत वैक्सीनेशन के बाद हुई। कांग्रेस नेताओं के दबाव में पोस्टमार्टम किया गया, जबकि स्थानीय प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी थी। बच्चे की मां ने आरोप लगाया कि वैक्सीन के...
मुसाबनी। वैक्सीन लेकर तबियत बिगड़ने से हुई तीन माह के बच्चे की मौत के मामले में कांग्रेस के प्रदेश सचिव के चक्रवर्ती एवं जिला कांग्रेस के सचिव कृष्णा पातर के दबाव में बच्चे का पोस्टमार्टम एमजीएम में किया गया। शुक्रवार को केंदाडीह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हुई बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी सुनील चंद्र के समक्ष कांग्रेसियों ने पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी। इस बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि तीन माह के बच्चे का पोस्टमार्टम नहीं किया जाता है। परंतु कांग्रेस नेता के. चक्रवर्ती एवं कृष्णा पातर ने इसकी सूचना स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को दिया और पोस्टमार्टम के लिए शव को एमजीएम भेजवाया। जहां बच्चे का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही बच्चे की मौत का सही कारण पता लग सकेगा। मालूम हो कि 5 मार्च को सुबह लगभग 9 बजे तालाडीह आंगनबाड़ी में 4 बच्चों को पेंटा -1,2,3 का वैक्सीन और एक बच्चे को रोटा -1 की खुराक पिलाया गया था। वैक्सीन लेने वाले चारो बच्चे बीमार हो गये थे। 5 मार्च की देर शाम तक तीन बच्चे स्वस्थ हो गये। परंतु लकड़ाडीह निवासी नारा हो के तीन महीने के पुत्र की तबियत में सुधार नहीं हुआ। 6 मार्च की रात को उसकी तबियत काफी खराब हो गई और मौत हो गई। नारा हो ने आरोप लगाया कि वैक्सीन लेने के बाद उसके बच्चे की तबियत ज्यादा खराब हो गई, जिसकी वजह से उसकी मौत हुई। उसने आरोप यह भी लगाया था कि उसके बच्चे को सर्दी और खांसी था। इसकी जानकारी आंगनबाड़ी सेविका, सहिया और एएनएम को दी गई थी। उसके बाद भी वैक्सीन दिया गया। वहीं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सुंदरलाल मार्डी ने बताया कि वैक्सीन का गलत असर दो घंटे में ही दिख जाता है। वैक्सीन लगने के बाद बुखार स्वाभाविक लक्षण है। वैक्सीन लगाने के 36 घंटे बाद बच्चे की मौत अन्य कारण से सम्भवतः हुई है।
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