चाकुलिया वन क्षेत्र में काजू के वृक्षों पर फूल निकलने शुरू
चाकुलिया वन क्षेत्र काजू के उत्पादन में प्रसिद्ध है। यहां 3000 हेक्टेयर वन भूमि पर काजू के पेड़ हैं। फरवरी में काजू के पेड़ फूलने लगते हैं और मार्च-अप्रैल में फल लगते हैं। हालांकि, पुराने पेड़ों की...
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चाकुलिया: जमशेदपुर वन प्रमंडल का चाकुलिया वन क्षेत्र काजू के उत्पादन में मशहूर है। इन दिनों काजू के पेड़ों पर फूल निकलने शुरू हो गए हैं। इस वन क्षेत्र में लगभग 3000 हेक्टेयर वन भूमि पर काजू के जंगल हैं। इसके अलावा रैयती भूमि पर भी काजू के पेड़ हैं। प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए के काजू का उत्पादन होता है। फरवरी में काजू के वृक्षों पर फूल निकलने लगते हैं। मार्च और अप्रैल तक काजू के पेड़ फलों से लद जाएंगे। फल पकने लगेंगे और काजू बीज का संग्रह वन सुरक्षा समितियों द्वारा शुरू हो जाएगा। विदित हो कि वन भूमि पर स्थित काजू के पेड़ों से बीज का संग्रह वन सुरक्षा समितियों द्वारा किया जाता है। हालांकि काजू के पुराने पेड़ों के नष्ट होने और आग से जल जाने के कारण काजू जंगल का दायरा पहले से कम हुआ है। काजू जंगलों की सुरक्षा नहीं हो रही है। काजू के पुराने पेड़ धीरे-धीरे बर्बाद हो रहे हैं। वहीं प्रतिवर्ष आग से भी काजू जंगलों को भारी नुकसान होता है।
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