आदिवासी के अस्तित्व रक्षा को आंदोलन की जरूरत : चंपाई
पोटका के तेंतला पोड़ा पंचायत में बाहा महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन मुख्य अतिथि थे। उन्होंने आदिवासी संस्कृति की सुरक्षा और बाहा पर्व के महत्व पर जोर दिया। इस अवसर पर...

पोटका, संवाददाता। प्रखंड के सुदूर तेंतला पोड़ा पंचायत के पोड़ा गांव में गुरुवार को बाहा महोत्सव का आयोजन झारखंड रास्ता महल कमेटी द्वारा आकर्षक रूप में किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन उपस्थित थे। मुख्य अतिथि चंपाई सोरेन का गांव में पारंपरिक ढंग से स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बाहा (सरहूल) पर्व आदिवासी समुदाय का पवित्र पर्व है। इस अवसर पर जाहेरथान में पूजा कर सुख, समृद्धि व शांति की कामना किया जाता है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के अस्तित्व की रक्षा हेतु एक और उलगुलान (आंदोलन) की जरूरत है, क्योंकि संताल परगाना सहित पुरे राज्य में आदिवासी की संख्या लगातार घट रही है। इसके पीछे बंगलादेशी घुसपैठ जिम्मेदार है। संताल परगना क्षेत्र में हमारे बहु बेटियों से शादी कर मुस्लिम समुदाय जमीन पर कब्जा कर रहे हैं। धड़ल्ले से धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। यह समाज के लिए बड़ा खतरा है। मुख्य अतिथि ने मौके पर मांदर बजाकर नृत्य भी किया। बाहा पर्व पर पूजा उपरांत डूबांग नृत्य,बुढ़ी गाड़ी नाच, हादी सुसुन नृत्य प्रस्तुत किया गया। रात्रि में डी जे जांगड़े कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर युवा नेता बबलू सोरेन, जिला परिषद सदस्य सविता सरदार, मुखिया पुष्प लता मुंडा, मुखिया देवी कुमारी भूमिज, पूर्व मुखिया होपना माहली, गणेश सरदार, मनोज सरदार, पूर्व पंसस छुटू मुंडा, आयोजन समिति के अध्यक्ष अर्जुन मुर्मू, उपाध्यक्ष ढुलु मार्डी, सचिव रोतोन मुर्मू, सह सचिव मोटका किस्कू, कोषाध्यक्ष गुगलू किस्कू, नायके बाबा बुरजू मुर्मू, धर्मपाल मुर्मू, नाया मायदास मुर्मू, मोथोनाथ मुर्मू सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।