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गर्मी के दस्तक के साथ ही बढ़ा जलसंकट, मेराल में खराब हैं 305 चापाकल

फोटो मेराल एक: मेराल पूर्वी पंचायत अंतर्गत मेराल-डंडई सड़क पर खराब पड़ा चापाकल कुल 20 पंचायत वाले मेराल प्रखंड की आबादी लगभग 2 लाख है। जिला मुख्यालय स

Newswrap हिन्दुस्तान, गढ़वाThu, 8 May 2025 12:03 AM
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गर्मी के दस्तक के साथ ही बढ़ा जलसंकट, मेराल में खराब हैं 305 चापाकल

मेराल, प्रतिनिधि। कुल 20 पंचायत वाले मेराल प्रखंड की आबादी लगभग 2 लाख है। जिला मुख्यालय से सटे इस प्रखंड में भी गर्मी के दस्तक के साथ ही अधिसंख्य पंचायतों में जलसंकट शुरू हो गया है। उसके बाद भी पंचायत व शासन प्रशासन के लापरवाही के कारण चापाकलों की ससमय पर मरम्मत नहीं हो पा रहा है। उक्त कारण लोगों को आसपास के दूसरे जगहों से पानी का बंदोबस्त कराना पड़ रहा है। पीएचइडी के आंकड़ों के अनुसार गांवों में पेयजल की सुविधा के लिए 1984 चापाकल लगाए गए हैं। उनमें विभिन्न पंचायतों में 305 से अधिक चापाकल खराब पड़े हैं।

उन्हें मरम्मत नहीं कराए जाने से कई जगहों पर ग्रामीण जलसंकट का सामना कर रहे हैं। प्रखंड के अंतर्गत कुल 77 राजस्व गांव हैं। अधिसंख्य गांवों में संपन्न लोगों के पास निजी चापाकल है। उन्हें पानी की परेशानी तब ही होती है जब जलस्तर नीचे चले जाने से चापाकल सूख जाता है। सर्वाधिक परेशानी आर्थिक रूप से कमजोर वैसे लोग जो खुद से चापाकल नहीं लगा पाते वह सरकारी चापाकल के भरोसे रहते हैं। सरकारी चापाकल और जलमीनार खराब होने के कारण उन्हें पानी के लिए भटकना पड़ता है। ऐसे लोगों की भी बड़ी आबादी है। भीषण गर्मी के कारण इन दिनों गांव के नदी, आहरऔर तालाब भी सूख गए हैं। उससे जलस्तर लगातार काफी नीचे जा रहा है। गांवों में पेयजल की समस्या के समाधान के लिए जिला स्तर से लेकर प्रखंड स्तर तक बैठकें हुई पर पेयजल समस्या के समाधान का स्थायी हल नहीं निकल रहा। प्रखंड मुख्यालय में मेराल पूर्वी पंचायत अंतर्गत कुल 32 चापाकल खराब पड़े हुए हैं। साथ ही मेराल पूर्वी पंचायत के डंड़ई रोड में लगाया गया प्याऊ और चापाकल बरसों से खराब पड़ा हुआ है। उसका न तो विभाग और न ही पंचायत मरम्मत करा रहा है। उससे स्थानीय लोगों के अलावा आने जाने वाले राहगीरों को भी पानी के लिए काफी परेशानी होती है। लोगों को बाध्य होकर होटल या बोतल बंद पानी के सहारे रहना पड़ता है। मेराल पूर्वी पंचायत एकमात्र गांव का पंचायत है। पंचायत के अंतर्गत 12 वार्ड हैं। प्रखंड मुख्यालय में अवस्थित होने के कारण यहां लोगों का अधिक दबाव होता है। प्रखंड मुख्यालय अपने कामकाज से आने वाले लोगों के अलावा मुख्यालय आकर अन्य जगह जाने के लिए भी लोग यहां पहुंचते हैं। यह पंचायत एनएच 75 गढ़वा-मुरीसेमर पर अवस्थित है। ::बॉक्स::विभिन्न पंचायतों में भी कमोबेश है जलसंकट प्रखंड मुख्यालय के मेराल पूर्वी पंचायत के अलावा अन्य पंचायतों में भी लोग जलसंकट का सामना कर रहे हैं। प्रखंड के लोवादाग पंचायत में 40, हासनदाग में 20, करकोमा में 11, दुलदुलवा में 8, तेनार पंचायत में 26, अरंगी में 18, गेरुआ में 23, तीसरटेटुका में 15, ओखरगाडा पूर्वी में 21, बाना में 26, चेचरिया में 15, बिकताम में 17, ओखरगाडा पश्चिम में 8 चापाकल बंद पड़े हुए है। खराब चापाकलों की सूचना मरम्मति के लिए विभाग को भी दी गई है। उसके बाद भी बंद पड़े चापाकलों को अबतक दुरूस्त नहीं कराया गया। वहीं पंचायतों में लगे कई जलमीनार भी खराब हैं। उन्हें भी दुरूस्त नहीं कराया जा रहा है। उक्त कारण लोग जलसंकट का सामना कर रहे हैं। ::बॉक्स::लोगों की अधिक आवाजाही के कारण होती है परेशानी:: मेराल पूर्वी पंचायत प्रखंड मुख्यालय के अलावा एनएच 75 गढ़वा-मुरीसेमर सड़क पर अवस्थित है। उसके अलावा पंचायत से मेराल ग्राम रेलवे स्टेशन बमुश्किल पांच किमी दूर है। प्रखंड मुख्यालय का काम हो या फिर जिला मुख्यालय जाना हो अधिसंख्य लोगों को मेराल पूर्वी पंचायत से होकर ही गुजरना पड़ता है। उसके अलावा मेराल-डंडई सड़क पर आवाजाही करने वालों का वास्ता भी इसी पंचायत से पड़ता है। लोगों का अत्यधिक दबाव संसाधनों पर पड़ता है। संसाधनों की कमी का खमियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है। यही वजह है कि लोग पेयजल समस्या का सामना भी लोगों को करना पड़ता है। ::बॉक्स::मेराल पूर्वी पंचायत के मुखिया रामसागर महतो बताते हैं कि पंचायत अंतर्गत कुल 32 चापाकल खराब पड़े हुए हैं। उसे ठीक कराने के लिए विभाग को सूची भी दिया गया है। पंचायत स्तर पर खराब चापाकलों को दुरूस्त करने के लिए कोई आवंटन नहीं मिला है। उक्त कारण पंचायत में खराब पड़े चापाकलों का मरम्मत पंचायत निधि से नहीं हो पा रहा है। कोशिश की जा रही है कि विभाग से समन्वय बनाकर खराब पड़े चापाकलों को दुरूस्त कराया जाए ताकि लोगों को जलसंकट से निजात मिले। ::बॉक्स:: शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण जल प्याऊ और चापाकल खराब पड़ा है। साथ ही विभाग और पंचायत के पदाधिकारी मौन हैं। उक्त कारण लोगों को पानी के लिए काफी परेशानी हो रही है। ठोस पहल कर प्याऊ और चापाकल को चालू कराया जाए। ज्ञानी राम, स्थानीय निवासी ::बॉक्स::काफी दिनों से प्याऊ और चापाकल के खराब रहने से लोगों को पानी की समस्या हो रही है। स्थानीय लोगों को पानी की व्यवस्था जहां तहां से करना पड़ता है। वहीं आने-जाने वाले राहगीरों को भी काफी परेशानी होती है। लोग बोतल बंद पानी या होटल के सहारे प्यास बुझाते हैं। दुर्गावती देवी, स्थानीय निवासी ::बॉक्स::प्रखंड मुख्यालय में मेराल पूर्वी पंचायत अंतर्गत लगे प्याऊ और चापाकल के खराब होने से यहां के लोगों को लिए पानी की समस्या बनी हुई है। प्याऊ और चापाकल खराब होने की जानकारी विभाग को भी दी गई है। उसके बाद भी उन्हें ठीक नहीं कराया गया। उससे लोगों को परेशानी होती है। प्याऊ और चापाकल को जल्द ठीक कराया जाए। वीरेंद्र ठाकुर, स्थानीय व्यवसायी ::बॉक्स::लापरवाही की वजह से चापाकल और प्याऊ खराब पड़ा है। उसका खमियाजा स्थानीय लोगों के अलावा राहगीरों को भुगतना पड़ा है। प्रखंड मुख्यालय आने वाले लोगों को होटल या बोतल बंद पानी के भरोसे रहना पड़ता है। गर्मी को देखते हुए प्याऊ और चापाकल का तत्काल चालू करने की जरूरत है। नंदा पासवान, स्थानीय निवासी ::बॉक्स::उपायुक्त के निर्देश पर प्रखंड स्तर पर पानी की समस्या को लेकर जलसहिया, पीएचइडी और पंचायत सचिव के साथ बैठक आयोजित किया गया था। बैठक में प्रत्येक पंचायत से सर्वे करा कर चपकालों की सूची प्रखंड कार्यालय में जमा करने के लिए कहा गया है ताकि उनकी मरम्मति कराया जाए। प्रखंड स्तर पर एक व्यक्ति का चयन किया गया है जो सूची के आधार पर पीएचइडी के लोगों के समन्वय बनाकर खराब चापाकल की मरम्मत कराए। सतीश भगत, बीडीओ

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