स्कूलों में शिक्षकों की कमी, नौनिहालों के भविष्य के साथ हो रहा खिलावाड़
गढ़वा जिले के सभी स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। 122 हाई स्कूलों में 1121 स्वीकृत पदों में से केवल 562 शिक्षक कार्यरत हैं, जिससे 559 पद रिक्त हैं। इसी तरह प्लस टू और प्राथमिक विद्यालयों में भी...
गढ़वा, हिटी। जिलांतर्गत सभी कोटि के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है। 122 हाई स्कूलों में शिक्षकों का कुल स्वीकृत पद 1121 हैं। उसके विरुद्ध महज 562 शिक्षक ही कार्यरत हैं। उक्त स्कूलों में अभी भी 559 शिक्षकों का पद रिक्त है। उसी तरह 38 प्लस टू स्कूलों में कुल शिक्षकों का स्वीकृत पद 253 है। उसके विरुद्ध 199 शिक्षक कार्यरत हैं। प्लस टू स्कूलों में अभी भी 54 शिक्षकों का पद रिक्त है। वहीं प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में शिक्षकों का कुल स्वीकृति पद 2339 के विरुद्ध 1356 शिक्षक कार्यरत हैं। उक्त स्कूलों में अभी भी 983 शिक्षकों का पद रिक्त है। वहीं 300 से अधिक एकल शिक्षक वाले प्राथमिक विद्यालय हैं। उक्त स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक के पठन-पाठन का जिम्मा एक मात्र शिक्षक के भरोसे है। विभिन्न कोटि के स्कूलों में कुल तीन लाख तीन हजार 65 छात्र अध्ययनरत हैं। शिक्षकों की कमी का असर स्कूल में छात्रों के पठन पाठन पर पड़ रहा है। उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की भी कमी है। हाई स्कूलों में हिंदी के 109 शिक्षकों के स्वीकृत पद के विरूद्ध 37, अंग्रेजी के 108 के विरुद्ध 46, संस्कृत के 107 के विरुद्ध 39, उर्दू के 64 के विरुद्ध 27, गणित/भौतिकी के 114 के विरुद्ध 54, जीवविज्ञान/रसायन के 110 के विररुद्ध 42, इतिहास/नागरिक के 177 के विरुद्ध 108, भूगोल के 107 के विरुद्ध 61, अर्थशास्र के 46 के विरुद्ध 29, शारीरिक शिक्षा के 80 शिक्षकों के स्वीकृत पद के विरुद्ध 40 शिक्षक ही कार्यरत हैं। उसी तरह प्लस टू विद्यालयों में भी शिक्षकों की कमी का दंश छात्र झेल रहे हैं। हिंदी के स्वीकृत पद 23 के विरुद्ध 22, अंग्रेजी के 23 में सात, संस्कृत में 23 में 16, इतिहास के 23 में 22, अर्थशास्र 23 में 12, भौतिकी में 23 में 15, जीवविज्ञान में 23 में 22 और वाणिज्य में स्वीकृत 23 शिक्षकों के पद में 14 शिक्षक ही कार्यरत हैं। वहीं भूगोल, गणित और रसायन विज्ञान में शिक्षकों की कमी नहीं है। उक्त विषयों के 23 शिक्षकों के स्वीकृत पद के अनुरूप शिक्षक हैं। उसी तरह मध्य विद्यालयों में भी शिक्षकों की कमी का दंश छात्र झेल रहे हैं। कांडी प्रखंड स्थित जमा दो उच्च विद्यालय कांडी में दो विज्ञान शिक्षक कार्यरत हैं। रंका अनुमंडल मुख्यालय स्थित प्लस टू उच्च विद्यालय में 11 शिक्षकों का पद स्वीकृत है। उनमें विज्ञान के एक शिक्षक हैं, लेकिन अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, गणित, भूगोल और वाणिज्य के लिए शिक्षक नहीं हैं। प्रयोगशाला है लेकिन स्वीकृत तीनों पद रिक्त है। वहीं संस्कृत के एक मात्र शिक्षक की प्रतिनियुक्ति जिला मुख्यालय के रामासाहु विद्यालय में किया गया है। प्राचार्य इंद्र नारायण झा ने बताया कि विज्ञान के शिक्षक हैं लेकिन कुछ अन्य विषयों के शिक्षक नहीं हैं। प्रयोगशाला के लिए तीन स्वीकृत पद खाली हैं।
भवनाथपुर प्रखंड के हाईस्कूलों में विज्ञान विषय सहित अन्य विषयों के शिक्षकों की भारी कमी है। प्लस-टू हाई स्कूल में टीजीटी स्तर के गणित और भौतिकी के शिक्षक का पद रिक्त है। प्रयोगशाला के शिक्षक या पीजीटी के कार्यरत शिक्षकों से कामचलाऊ व्यवस्था के तहत शिक्षण का कार्य कराया जाता है। वहीं हाई स्कूल झगराखांड़ में विज्ञान विषय के दो पद रिक्त हैं। स्कूल के प्रभारी प्रधानाध्यापक मिथिलेश दुबे ने बताया कि जीव विज्ञान और रसायन शास्त्र विषय के शिक्षक नहीं हैं। किसी तरह से दूसरे विषय के शिक्षकों से कामचलाऊ व्यवस्था के तहत पठन-पाठन का कार्य चलाया जाता है। वहीं उत्क्रमित उच्च विद्यालय वनखेता में विज्ञान विषय के शिक्षक नहीं हैं। केवल संस्कृत विषय के ही शिक्षक मात्र हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक नागेंद्र प्रसाद यादव ने बताया स्कूल में 9 और 10 वीं कक्षा में 103 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। उनके लिए संस्कृत विषय के ही शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं बाकि किसी विषय के शिक्षक नहीं हैं। उक्त कारण बच्चों की पढ़ाई कामचलाऊ व्यवस्था के तहत मिडिल स्कूल स्तर के शिक्षक से ही क्लास चलाया जाता है। स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थी ट्यूशन या कोचिंग पर आश्रित हैं।
मध्य विद्यालय गम्हरिया में विज्ञापन शिक्षक का पद एक साल से रिक्त
रमना प्रखंड के मध्य विद्यालय गम्हरिया में 635 बच्चे नामांकित हैं। यहां एक से आठवीं तक की कक्षा संचालित की जाती है। बहरहाल यहां तीन सरकारी और आठ पारा शिक्षक कार्यरत हैं। विद्यालय में विज्ञान शिक्षक का पद पिछले एक साल से रिक्त है। उसका शिक्षण कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
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