जिलांतर्गत कई फौजियों ने देश के दुश्मनों के छुड़ाए हैं पसीने
ऑॅपरेशन सिंदूर के तहत हुई कार्रवाई से खुशी का माहौल काश्मीर के पहलगाम की घटना के बाद देश की ओर से आतंकियों के विरुद्ध किए जा रहे कार्रवाई को लेकर देश

गढ़वा, प्रतिनिधि। काश्मीर के पहलगाम की घटना के बाद देश की ओर से आतंकियों के विरुद्ध किए जा रहे कार्रवाई को लेकर देशवासी काफी उत्साहित हैं। जिलांतर्गत सेवानिवृत्त फौजी भी काफी उत्साहित हैं। पहले भी पाकिस्तान के साथ युद्ध में सेना ने दुश्मलों के पसीने छुड़ाए हैं। सेना के मनोबल बढ़ाने व देश को मजबूत करने के लिए कदम आगे बढ़ा रहे हैं। गढ़वा प्रखंड के बोंगासी गांव निवासी थलसेना से सेवानिवृत्त फौजी रामजी तिवारी ने देश भक्ति की मिशाल पेश करते हुए अपने एक महीने का पेंशन की राशि 42 हजार 695 रुपये राष्ट्रीय सुरक्षा कोष में बुधवार को जमा कराया है।
उक्त संबंध में उन्होंने जिले के उपायुक्त शेखर जमुआर से भी मुलाकात कर राष्ट्रीय सुरक्षा कोष में राशि जमा कराने के लिए आवेदन दिया और बैंक पहुंच कर राष्ट्रीय सुरक्षा कोष में राशि को जमा किया। उन्होंने कहा कि वह थल सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद एक अक्टूबर 1997 से पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। कहा कि वैसे तो देश सशक्त हाथों में है और आर्थिक रूप से संपन्न भी है। फिर भी देश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए एक माह का पेंशन राष्ट्रीय सुरक्षा कोष में जमा करने की इच्छा हुई। उन्होंने उपायुक्त को दिए आवेदन में उल्लेख किया है कि यदि देश को आवश्यकता पड़े तो इस नेक काम में इच्छुक लोगों को प्रेरित करने की आह्वान किया है। उन्होंने बताया कि वे वर्ष 1971 में सेना में शामिल हुए थे। 26 वर्ष के बाद वे 1997 में सेवानिवृत हुए हैं। सेवाकाल के दौरान वह कई महत्वपूर्ण ऑपरेशन में भी शामिल होकर दुश्मनों के छक्के छुड़ाया था। वह वर्ष 1988 से 1990 तक श्रीलंका में तैनात थे। इस दौरान ऑपरेशन पवन में भी शामिल हुए थे। उन्होंने बताया कि उनकी अधिकत्तर पोस्टिंग नार्थ ईस्ट में ही रही। पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार में भी वह शामिल रहे थे। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के इस कार्रवाई से पूरा देश गदगद है। भारतीय सेना किसी भी मामले में पीछे नही है। भारतीय सेना हर समय दुश्मनों से निपटना जानता है। भारतीय सशस्त्र बलों की समुद्री सेना में तैनात रहे मेराल प्रखंड के अटौला गांव निवासी उदय नारायण तिवारी ने बताया कि वह सेना में वर्ष 1961 से लेकर 1968 तक तैनात रहे थे। इस दौरान 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान देश के समुद्र तट, प्रमुख बंदरगाहों और व्यापारी जहाजों की सुरक्षा को लेकर चलाए जा रहे ऑपरेशन में शामिल रहे थे। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान शुरू से ही पीठ में छूरा भोंकने का काम किया है। उसमें मानवता नाम का कोई चीज नही है। ऐसे में पाकिस्तान को सबक मिलना नितांत आवश्यक हो गया है। सिंदूर ऑपरेशन के जरिए भारतीय सेना ने मिशाल पेश किया है। इस कार्रवाई से देशवासियों में खुशी की लहर है। बीएसफ में तैनात रहे अजय कुमार तिवारी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत देश की सेना ने पाकिस्तान के आतंकियों पर कड़े प्रहार करके देशवासियों का दिल जीत लिया है। हमें भारत की सेना पर गर्व है। उन्होंने बताया कि वह 2009 में सेवानिवृत हुए है। सरकार का आदेश मिलने के बाद फिर से वह बॉर्डर पर जाकर दुश्मनों का छक्का छुड़ाने का कार्य करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत में सैनिकों की कमी नही है। सेना की ओर से किए गए ऑपरेशन सिंदूर शत-प्रतिशत सफल रहा है। सेना के इस कार्रवाई से पूरे भारत में जश्न का माहौल है। वहीं पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध में सक्रिय भूमिका निभाने वाले गौरीशंकर तिवारी ने बताया कि पाकिस्तान भारत के सामने किसी मामले में नहीं टिकता। सेना में कम्यूनिकेश में शामिल गौरीशंकर 2012 में सेवानिवृत हुए थे। उन्होंने बताया कि सेना ने माकूल जवाब दिया है। पाकिस्तान पर और तीखा हमला हो। ऐसी कार्रवाई हो कि पाकिस्तान भविष्य में भारत की ओर आंख उठाने की हिम्मत न कर सके। भारत चाहे तो चुटकी में मसल सकता है। एयर स्ट्राइक सुनकर रोमांचित हो उठा। अभी भी हम दुश्मनों को उसी जज्बे के साथ जवाब देने के लिए तैयार हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।