सदर अस्पताल में सतरंगी चादर योजना का नहीं हो रहा अनुपालन
फोटो संख्या तीन: सदर अस्पताल में बगैर चादर के बेड स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत सुधारने के लिए लागू की कई योजनाएं धरातल पर पहुंचते ही दम तोड़ देती है।

गढ़वा, प्रतिनिधि। स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत सुधारने के लिए लागू की कई योजनाएं धरातल पर पहुंचते ही दम तोड़ देती है। कुछ यही स्थिति जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल में सतरंगी चादर योजना की है। सदर अस्पताल में मरीजों के बेड पर सप्ताह में प्रत्येक दिन अलग-अलग रंग के अनुसार चादर बिछाने की सतरंगी योजना तकरीबन बंद कर दी गई है। वार्डों में बेड पर अलग-अलग रंग के चादर मिलते हैं। वहीं कई बेड तो बगैर चादर के मिल जाएंगे। अस्पताल में सतरंगी चादर योजना फेल है। सतरंगी योजना का अनुपालन नहीं हो रहा है। सतरंगी चादर के बाबत जब पड़ताल किया तो चौंकाने वाली बात सामने आई। एक साल से अधिक समय से सदर अस्पताल में चादर ही नहीं खरीदी गई है। उसमें से अधिसंख्य चादर फट व सड़ गए। नतीजा है कि सभी रंग की चादर अस्पताल के बेड पर बिछाई जाती है। यह योजना को बदरंग करता दिखता है। सबसे आश्चर्य की बात है कि हर रंग की नई चादर खरीदी जाय और दिन के हिसाब से एक रंग की चादर बिछाई जाय। उस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अस्पतालों में मरीजों को रोजाना साफ-सुथरी चादर उपलब्ध कराने के मकसद से सरकार ने सतरंगी चादर योजना शुरू की थी। रोजाना अलग-अलग रंग की चादर बिछाने का निर्देश दिया गया था। योजना के तहत रविवार को बैंगनी, सोमवार को नीला, मंगलवार को आसमानी, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को नारंगी और शनिवार को लाल रंग का चादर मरीजों के बेड पर बिछानी है।
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