आठ साल से वीरान पड़ा है 10 बेड का स्वास्थ्य केंद्र
स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सरकार और प्रशासन की गंभीरता की कमी का उदाहरण है 2017 में बने 10 बेड के स्वास्थ्य उपकेंद्र का, जहां 8 वर्षों में डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हुई। प्रखंड की 60,000 की आबादी को...
केतार, प्रतिनिधि। स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार और प्रशासन गंभीर नहीं है। उसका जीता जागता उदाहरण प्रखंड में 3.50 करोड़ रुपये की लागत से 2017 में बना 10 बेड का स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं। उक्त स्वास्थ्य केंद्र बने करीब आठ साल हो गये। उसके बाद भी उक्त अस्पताल में डॉक्टर की पदस्थापना नहीं हो सकी। नतीजतन अस्पताल वीरान पड़ा है। प्रखंड के करीब 60 हजार की आबादी को स्वास्थ्य सुविधाओं को लाभ देने के लिए उक्त अस्पताल का निर्माण कराया गया था। दुर्भाग्यजनक स्थिति रही कि आजतक अस्पताल में डॉक्टर की पदस्थापना नहीं हुई। डॉक्टर नहीं रहने से यहां के लोगों को आज भी झोला छाप डॉक्टर से इलाज कराने की विवशता है। लोग छोटी बीमारियों के इलाज के लिए भवनाथपुर सहित अन्य जगहों पर जाते हैं। जहां उनका समय और पैसा दोनों की बर्बादी होती है। लोगों को हमेशा यह मलाल रहता है कि अगर स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर की पदस्थापना हो जाती तो यहां के लोगों को भी स्वास्थ्य सेवा के लिए बाहर जाना नहीं पड़ता। आठ वर्ष पूर्व बना स्वास्थ्य केंद्र का भवन भुतहा बंगला बना हुआ है। देखरेख के अभाय में अस्पताल का दरवाजा खिड़की में लगे शीशों को असामाजिक तत्वों ने तोड़ कर बर्बाद कर दिया है। साथ ही कई अन्य सामानों की चोरी कर ली गई है। प्रखंड के लोगों ने अपने सांसद और विधायक से कई बार डॉक्टर की पदस्थापना करने की मांग की लेकिन अस्पताल को अबतक डॉक्टर नहीं मिला। नयी सरकार में लोगों को उम्मीद है कि अस्पताल को डॉक्टर मिले। स्थानीय स्तर पर ही मरीजों का इलाज हो ताकि लोगों को राहत मिले।
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