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अस्पताल सहित कई सरकारी दफ्तरों का भवन जर्जर, दुर्घटनाओं को दे रहा आमंत्रण

फोटो संख्या दो: जिला मुख्यालय स्थित पशुपालन विभाग का भवन जिला मुख्यालय के आधा दर्जन से अधिक सरकारी विभागों के कार्यालय जर्जर भवनों में लंबे समय से चल

Newswrap हिन्दुस्तान, गढ़वाMon, 5 May 2025 01:42 AM
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अस्पताल सहित कई सरकारी दफ्तरों का भवन जर्जर, दुर्घटनाओं को दे रहा आमंत्रण

गढ़वा, प्रतिनिधि। जिला मुख्यालय के आधा दर्जन से अधिक सरकारी विभागों के कार्यालय जर्जर भवनों में लंबे समय से चल रहे हैं। उनके मेंटेनेंस नाम पर अबतक खानापूर्ति ही हुई है। मेंटेनेस के बाद एक-डेढ़ साल में ही भवनों की स्थिति जस की तस हो जाती है। जिला मुख्यालय स्थित यक्ष्मा विभाग का दो मंजिला भवन, आयुष चिकित्सालय, नियोजनालय, बाल कल्याण समिति, पशुपालन कार्यालय, गढ़वा प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, गव्य विकास विभाग सहित आधा दर्जन विभाग क्षतिग्रस्त भवन में चल रहे हैं। जिला मुख्यालय में करोड़ों रुपए की लागत से बना दो मंजिला सदर अस्पताल के भी कई हिस्सों से पानी टपकता है।

विभागीय अधिकारियों की ओर से उसकी शिकायत करने पर ठीक करने की सिर्फ खानापूर्ति की गई पर हालात नहीं सुधर रही। भवनों की यह स्थिति दुर्घटना को आमंत्रित कर रहा है। जिला मुख्यालय के उक्त सभी भवनों में जरा सी बारिश होने पर छत से इतना पानी टपकता है कि स्टॉफ का काम करना मुश्किल हो जाता है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने कई बार लिखित और मौखिक रूप से आला अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है। कमरों में रखे जरूरी दस्तावेज से लेकर कंप्यूटर और अन्य मशीनरी को पानी से बचाना मुश्किल हो जाता है। कर्मियों ने बताया कि इस तरह के हालात का सामना वह अक्सर करते हैं। सूचना देने के बाद भी अधिकारियों ने आज तक कोई कदम नहीं उठाया। अस्पताल परिसर स्थित टीबी विभाग में ओपीडी से लेकर विभिन्न तरह के प्रशिक्षण और कार्यशाला का आयोजन होता है। उसके बाद भी अस्पताल भवन पिछले लंबे समय से क्षतिग्रस्त है। उक्त कारण वहां कार्यरत कर्मियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खास बात यह है कि दो साल पहले ही लाखों रुपए की लागत से दो मंजिला भवन की मरम्मति कार्य हुआ था। आलम यह रहा कि अब भवन में पानी टपकने के साथ भवन जर्जर होने लगा है। यक्ष्मा ओपीडी में इलाज कराने आए मरीज और चिकित्सक के साथ विभाग में कार्य कर रहे कर्मियों को हमेशा डर के साए में रहना होता है। बारिश के दिनों में अधिक परेशानी होती है। भवन के कई हिस्सों में पानी टपकता है।

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