सिंचाई सुविधा बहाल कर खेतों तक पानी पहुंचाने का हो पहल
कांडी प्रखंड में आजादी के 78 वर्ष बाद भी किसानों को सिंचाई की सुविधा नहीं मिली है। हजारों एकड़ जमीन बंजर पड़ी है और लोग खेती नहीं कर पा रहे हैं। सिंचाई के अभाव में किसान पलायन के लिए मजबूर हैं।...

कांडी, प्रतिनिधि। प्रखंड अंतर्गत खेतों को पानी देने का काम आजादी के 78 वर्ष बाद भी नहीं हो सका। किसानों के हित में अबतक सिंचाई के लिए ठोस पहल नहीं हुआ। आज भी यहां की धरती प्यासी है। हजारों एकड़ भूमि बंजर व असिंचित पड़ा हुआ है। सिंचाई के अभाव में उन खेतों में कोई खेती नहीं होती। लोगों के पास जमीन होते हुए भी सिंचाई के अभाव में खेती नहीं करते। यहां के लोग गरीब बने हुए हैं। अपना व परिवार का पेट पालने के लिए पलायन के लिए मजबूर हैं। खेतों तक पानी पहुंचाना शुरू से प्रमुख समस्या रही है।
यहां के किसानों को सिंचाई के लिए एक चम्मच पानी नहीं मिला। नतीजतन प्रखंड के हजारों हेक्टेयर जमीन बंजर पड़ा हुआ है। वर्ष 1965- 66 में प्रखण्ड क्षेत्र में फूड फॉर वर्क स्किम के तहत बायीं बांकी नहर का निर्माण कराया गया था। उसके 57 वर्षों के बाद भी किसानों के खेतों तक एक बूंद भी पानी नहीं पहुंचा। इस समस्या को आज तक किसी ने भी प्रमुखता नहीं दिया। प्रखंड की यह प्रमुख समस्या आज भी अपनी जगह पर अडिग है। कांडी प्रखंड के किसान अपने खेतों में पानी आने का इंतजार करते रहे। प्रखंड के किसान वैसे रहनुमा की तलाश कर रहे हैं जो उनके खेतों तक पानी पहुंचा सके ।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।