शिलान्यास के बाद भी 10 महीने में नहीं बनी सड़कें, ग्रामीण परेशान
चुनावी मुद्दा प्रखंड की दो अतिमहत्वपूर्ण सड़कों का शिलान्यास के 10 महीने बाद भी नहीं बनी। उनमें कांडी-मोखापी मोड़ व सोहगड़ा से हाई स्कूल गरदाहा मोड़ तक
कांडी, प्रतिनिधि। प्रखंड की दो अतिमहत्वपूर्ण सड़कों का शिलान्यास के 10 महीने बाद भी नहीं बनी। उनमें कांडी-मोखापी मोड़ व सोहगड़ा से हाई स्कूल गरदाहा मोड़ तक गवर्नर रोड शामिल हैं। उक्त दोनों ही सड़कें कांडी प्रखंड की अतिमहत्वपूर्ण सड़कें हैं लेकिन उक्त सड़कें आज भी बदहाल स्थिति में हैं। क्षेत्रीय विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने 10 जनवरी को उक्त दोनों ही सड़कों के निर्माण के लिए शिलान्यास किया था। अब उक्त सड़कें स्थानीय लोगों के लिए चुनावी मुद्दा भी बन रहा है। उक्त सड़कें प्रखंड की लाइफ लाइन मानी जाती है। दोनों ही सड़कें प्रखंड के दोनों क्षेत्र हेंठार व पहाड़ी इलाके को मोहम्मदगंज रेलवे स्टेशन से जोड़ती है। अबकी बरसात के मौसम में उक्त सड़कों से गुजरना लोगों के लिए काफी मुश्किल भरा रहा। जान जोखिम में डालकर लोग उक्त सड़कों से गुजरते थे। दोनों ही सड़कों का निर्माण कार्य का टेंडर स्वास्तिक कंस्ट्रक्शन को मिला है। संवेदक द्वारा निर्माण कार्य भी शुरू किया गया था। पुलिया व कल्वर्ट का निर्माण भी हो गया है। उसके बाद निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। सड़क निर्माण कार्य बंद होने के पीछे क्या कारण हो सकता है प्रखंड के लोगों के समझ से परे है। दोनों ही सड़कों का निर्माण कार्य आरडीएफ तकनीक से होना है लेकिन आखिर उक्त तकनीक से निर्माण कार्य शुरू होने में और कितना समय लगेगा उसे लेकर उहापोह की स्थिति है। कुछ दिनों तक चर्चा रही कि सड़क निर्माण के लिए मिट्टी जांच के लिए भुवनेश्वर व हैदराबाद स्थित लैब में भेजा गया है। जांच रिपोर्ट 10 महीने बाद भी नहीं आ सका। प्रखंड की अतिमहत्वपूर्ण उक्त दोनों ही सड़कों का निर्माण नहीं होना विधानसभा चुनाव में लोगों के लिए चुनावी मुद्दा रहेगा। चुनाव प्रचार करने पहुंचे उम्मीदवारों का उसका जवाब देना होगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि उक्त सड़कों के निर्माण को लेकर न तो नेता आगे आए न ही प्रशासनिक स्तर पर ही पहल किया गया।
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