दुर्घटना पीड़ित परिवारों को हर संभव प्रशासनिक सहयोग मिलेगा: एसडीओ
फोटो प्रताप पांच: कॉफी विद एसडीएम कार्यक्रम में संवाद में शामिल एसडीओ संजय कुमार और अन्य अन्य सड़क हादसों में अपनों को खो चुके परिवारों के साथ एसडीएम
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गढ़वा, प्रतिनिधि। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत इस सप्ताह के कॉफी विद एसडीएम में गढ़वा अनुमंडल अंतर्गत सड़क दुर्घटना में शिकार हुए लोगों के परिजनों को एसडीएम संजय कुमार ने गुरुवार को अपने यहां कॉफी पर आमंत्रित किया था। उनके आमंत्रण पर गढ़वा अनुमंडल क्षेत्र के अलावा कई आसपास के क्षेत्रों के ऐसे लोग शामिल हुए जिन्होंने सड़क दुर्घटना में अपने किसी परिजन को खोया है। कार्यक्रम में मुख्य आमंत्रित अतिथि के रूप में जिला परिवहन पदाधिकारी धीरज प्रकाश भी मौजूद थे। अधिकारियों ने परिजनों से संवाद कर सड़क दुर्घटना के शिकार हुये परिजनों से पूछा कि उन्हें 'हिट एंड रन' या आपदा संबंधी नियमानुसार सहायता मिली या नहीं। सहायता राशि पाने की क्या प्रक्रिया है उस पर भी डीटीओ श्री प्रकाश के द्वारा विस्तार से बताया गया। एसडीओ ने आमंत्रित परिवारों की रोजमर्रा की जरूरतों और समस्याओं के बारे में भी पूछा। साथ ही उन्हें हर संभव मदद का भरोसा भी दिलाया।
राहत राशि दिलाने में तत्परता से काम करें
संवाद के दौरान यह तथ्य सामने आया कि कभी- कभी विभिन्न सहायक दस्तावेज जैसे पारिवारिक सूची, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाण पत्र, अंचल की अनुशंसा आदि में छोटी मोटी कमियों के चलते विलंब हो जाता है। उसके कारण पीड़ित परिवारों को राहत राशि मिलने में भी देरी होती है। उसपर अनुमंडल पदाधिकारी ने प्रखंड, अंचल व अस्पताल आदि के संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों सहित अपने कार्यालय के अधीनस्थों से अपील की कि वे ऐसे मामलों में अति संवेदनशीलता दिखाते हुए जितनी जल्दी हो सके स्वयं लग कर उनके दस्तावेज बनवाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि हादसों के शिकार लोगों के परिवार के लोग पहले ही बड़े आघात और परेशानी से गुजर रहे होते हैं ऊपर से जब उन्हें कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं तो वे और भी टूट जाते हैं।
परिजनों का दर्द सुनकर बैठक का माहौल हुआ गमगीन
संवाद के दौरान परिजनों की आपबीती सुनकर पूरी बैठक में कुछ देर के लिए एक अलग सा माहौल हो गया। गढ़वा के रफीक अंसारी ने बताया कि उनके युवा पुत्र फैयाज की शादी होने वाली थी। शादी के 12 दिन पहले ही उनका बेटा सड़क हादसे का शिकार हो गया। वहीं अनीश कुमार यादव ने बताया कि उनके पिता सुरेश यादव बहन के घर बाइक से जा रहे थे तभी वे सड़क हादसे के शिकार हो गए। 24 वर्षीय दिवंगत संदीप ठाकुर की एक अलग दुख भरी कहानी रही। उनके परिजन बताते हैं कि वह रोड क्रॉस कर रहे एक बुजुर्ग को बचाने के लिये दौड़े किंतु वह इस प्रयास में अपनी जान गवां बैठे। 70 वर्षीय कुसुम देवी रोते हुये बताती हैं कि उनका बेटा किसी दोस्त को बाइक से स्टेशन पहुंचाने गया था लेकिन वह लौटकर घर नहीं पहुंचा, क्योंकि बीच में वह सड़क हादसे का शिकार हो चुका था। संग्रहे निवासी नागेंद्र शर्मा बताते हैं कि उनका बेटा रविकांत मारवाड़ी कॉलेज रांची में पढ़ता था। वह अपने दो छोटे भाइयों को ज्ञान भारती स्कूल बेलचंपा छोड़कर आ रहा था। उसी दौरान एक तेज स्पीड बस ने उसे अपनी गिरफ्त में ले लिया। ऐसे ही लगभग 20 लोगों ने अपने परिजनों के खोने का दर्द बयां किया। संवाद के दौरान कई लोगों के आंसू नहीं रुक रहे थे। दृश्य देखकर पूरी बैठक का माहौल कुछ देर के लिए गमगीन हो गया।
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