इलाज के लिए 40 मिनट तक इधर-उधर भटकते रहे बीमार मासूम के परिजन
गढ़वा के सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की अव्यवस्था बढ़ती जा रही है। रविवार को इलाज के लिए आए परिजनों को 40 मिनट तक इधर-उधर भटकना पड़ा। 5 माह के बच्चे को भर्ती नहीं किया गया, जिससे परिजन परेशान...

गढ़वा, प्रतिनिधि। सदर अस्पताल अव्यवस्थाओं का गढ़ बनता जा रहा है। आए दिन कभी ओपीडी में तो कभी इमरजेंसी में चिकित्सकों की अनुपस्थिति की शिकायतें मिलती रहती हैं। रविवार को भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला जब इलाज के लिए आए परिजनों को करीब 40 मिनट तक इधर-उधर भटकना पड़ा। बिरेंद्र कोरवा का 5 माह का पुत्र दीपक कोरवा बीमार था। उसे इलाज के लिए परिजन सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। अस्पताल में अव्यवस्था के कारण कभी स्टाफ एसएनसीयू भेजने की बात कहता तो कभी एसएनसीयू का स्टाफ इमरजेंसी में दिखाने की सलाह देता। ऐसे में बच्चे के परिजन बच्चे को गोद में लिए अस्पताल परिसर में भटकते रहे। उस समय एसएनसीयू में चिकित्सक शिशिर चंद्राकर की ड्यूटी थी जबकि स्टाफ सुषमा और रुचि तैनात थीं। जब परिजनों ने डॉक्टर के बारे में पूछा तो स्टाफ ने बताया कि डॉक्टर भर्ती बच्चों को देखकर चले गए हैं और अब वापस नहीं आएंगे। उसके बाद स्टाफ रुचि ने डॉक्टर शिशिर चंद्राकर को फोन किया। उसपर उन्होंने कहा कि एसएनसीयू में केवल 0 से 1 माह तक के बच्चों को भर्ती करने की अनुमति है। उक्त कारण 5 माह के बच्चे को वहां नहीं रखा जा सकता। मामले पर अस्पताल के मैनेजर सुनील मणि त्रिपाठी ने कहा कि यह मामला संवेदनशील वार्ड का है। इसलिए चिकित्सक ने बच्चे को भर्ती क्यों नहीं किया इसकी जानकारी ली जाएगी। मामले से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि डॉक्टर से बात करने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
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