22 साल में कदम नहीं बढ़ा सका बिशुनपुरा, बुनियादी सुविधाओं का अभाव
फोटो बिशुनपुरा एक: बिशुनपुरा प्रखंड मुख्यालय के अपर बाजार की सड़क जिलांतर्गत बिशुनपुरा को दो नवंबर 2002 को नए प्रखंड का दर्जा मिला। अलग प्रखंड के तौर
बिशुनपुरा, प्रतिनिधि। जिलांतर्गत बिशुनपुरा को दो नवंबर 2002 को नए प्रखंड का दर्जा मिला। अलग प्रखंड के तौर पर अस्तित्व मे आए बिशुनपुरा प्रखंड बुनियादी सुविधाओं के मामले में कदम नहीं बढ़ा सका। प्रखंड मुख्यालय में आज भी पार्किंग, सुलभ शौचालय, बस स्टैंड सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी है। उसका खमियाजा प्रखंड मुख्यालय के अलावा दूर दराज के लोग भी उठाते हैं। सर्वाधिक परेशानी को दुर्गापूजा सहित अन्य धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालुओ को अधिक परेशानी होती है। अपर बाजार चौक के मेन रोड पर दुकानदारों दुकान का सामान भी बाहर रखते हैं। उससे सड़क संकीर्ण हो जाता है। उक्त वजह से जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। पार्किंग कि व्यवस्था नहीं होने के कारण दूरदराज के गांव से बाजार करने आए लोग अपनी बाइक को जैसे तैसे सड़क किनारे खड़ा कर दुकान में सामान लेने चले जाते हैं। वाहनों के बेतरतीब खड़ा किये जाने से अक्सर जाम कि स्थिति होती है। दुर्गा पूजा को लेकर बिशुनपुरा मे कई पूजा समितियों के द्वारा पूजा पंडाल बनाया जाता है। दुर्गा पूजा से पहले दूर दराज से बरडीहा प्रखंड के आदर, सेमरी, बंजारी, नावाडीह, सुखनदी के अलावा मझिआंव प्रखंड के करुई, पुरहे, दवनकारा, टड़हे से लोग यहां आकर नया कपड़ा या अन्य सामग्री का खरीदारी करते हैं। उस दौरान भी काफी भीड़ हो जाती है। बाहर से खरीदारी करने पहुंचे लोगों की ओर से मेन रोड पर दुकान के बाहर बाइक खड़ा किया जाता है। उससे भी जाम लग जाती है। प्रखंड मुख्यालय में न तो सुलभ शौचालय है न ही महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट। उससे महिलाओं को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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