दिहाड़ी मजदूर से लखपति कारोबारी बनी अमोला
महिला दिवस पर खासजहां कभी लाल आतंक का असर था उसी धरती पर अमोला देवी महिला स्वालंबन का एक बड़ा उदाहरण बनी है। एक दिहाड़ी

गढ़वा, जिला प्रतिनिधि। जहां कभी लाल आतंक का असर था उसी धरती पर अमोला देवी महिला स्वालंबन का एक बड़ा उदाहरण बनी है। एक दिहाड़ी मजदूर से अपनी जिंदगी की शुरुआत करते हुए आज लखपति कारोबारी बनने तक का सफर तय किया है। बदलाव की यह कहानी है केतार प्रखंड के चेचरिया की रहने वाली अमोला देवी का। वह महिला स्वालंबन का एक बड़ा उदाहरण है। कुछ वर्ष पहले तक अमोला दिहाड़ी मजदूरी कर किसी तरह परिवार का जीविकापार्जन में मदद करती थी। बदले हालत और उसके परिश्रम से उसका अपना डेयरी कारोबार है।
अमोला ने दो साल पहले समूह से ऋण लेकर दो गाय से डेयरी का कारोबार शुरू किया। मात्र दो वर्ष में अमोला देवी ने ऋण को चुकता कर दिया। आज उसके डेयरी में गाय की संख्या दो से बढ़कर चार हो गई है। वह प्रतिदिन 40 लीटर दूध की बिक्री कर अपनी अच्छी आमदनी कर रही है। दिहाड़ी मजदूर से लेकर उसने एक सफल कारोबारी तक का सफर तय किया है। अमोला का परिवार पहले खेती और मजदूरी करता था। उसी दौरान अमोला झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशनल सोसाइटी (जेएसएलपीएस) के स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं। समूह में जुड़ने के बाद उसने 16 हजार का ऋण लिया। उसके बाद 1.50 लाख का ऋण लिया। अमोला बताती हैं कि ऋण लेने के बाद डेयरी का कारोबार शुरू किया । डेयरी के कारोबार शुरू होने के बाद उनकी आर्थिक स्थिति काफी सुधर गई। उन्होंने बताया कि आमदनी बढ़ने के बाद पति भी उसके इस रोजगार में मदद करते है। अमोला देवी आकांक्षी आजीविका मिशन सखी मंडल नामक ग्रुप का भी संचालन कर रही हैं। साथ ही अन्य महिलाओं को भी कारोबार से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। वह बताती है कि समूह से जुड़ी कई महिलाएं भी खुद का कारोबार कर रही हैं। थोड़े-थोड़े आय से वह आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार संरक्षण और प्रोत्साहन दे तो कारोबार में भी महिलाएं सफल हो सकती हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।