Hindi NewsJharkhand NewsGarhwa News35th Annual Ram Charit Manas Mahayagya Celebration in Ranadih Village

मानस महायज्ञ को लेकर राणाडीह गांव में हो रही तैयारी

कांडी के राणाडीह गांव में 35वें मानस महायज्ञ का आयोजन हो रहा है। यज्ञ कमेटी और ग्रामीणों द्वारा तैयारी की जा रही है। 3 फरवरी को यज्ञाचार्य पंडित अवधेश मिश्र के नेतृत्व में हनुमत ध्वज की स्थापना होगी।...

Newswrap हिन्दुस्तान, गढ़वाFri, 31 Jan 2025 01:35 AM
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मानस महायज्ञ को लेकर राणाडीह गांव में हो रही तैयारी

कांडी, प्रतिनिधि। प्रखंड के राणाडीह गांव में मानस महायज्ञ के 35 वें अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। महायज्ञ के आयोजन को लेकर यज्ञ कमेटी के साथ-साथ ग्रामीणों के द्वारा तैयारी की जा रही है। प्रखंड क्षेत्र के पंचायत व राणाडीह गांव में श्री रामचरितमानस नवाह्न परायण पाठ महायज्ञ महोत्सव का आयोजन किया गया है। जिला में लगातार 35वें मानस महायज्ञ के आयोजन का कीर्तिमान राणाडीह गांव के नाम ही दर्ज है। पवित्र कोयल नदी के तट पर अवस्थित यज्ञशाला में महायज्ञ के आयोजन को लेकर साफ सफाई और रंगाई पुताई के साथ ग्रामीणों के द्वारा प्रचार-प्रसार व जनसंपर्क का कार्य शुरू कर दिया गया है। कार्यक्रम के अनुसार 3 फरवरी की शाम में विहित मुहूर्त के दौरान यज्ञाचार्य पंडित अवधेश मिश्र के नेतृत्व में याज्ञिक पुरोहितों की टोली के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हनुमत ध्वज की स्थापना की जाएगी। 4 फरवरी की सुबह पंचांग पूजन, मंडप प्रवेश व अरणी मंथन के साथ विधिवत यज्ञ आरंभ हो जाएगा। उस दौरान प्रतिदिन सुबह 5 बजे से पूजन हवन का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा। वहीं दोपहर 12 बजे से संध्या 6 बजे तक विद्वान प्रवक्ता के द्वारा प्रवचन प्रस्तुत किया जाएगा। इस वर्ष प्रसिद्ध कानपुर से पधारने वाली साध्वी पुष्पांजलि शुक्ला और वाराणसी के पवित्र भूमि से पंडित सच्चिदानंद त्रिपाठी के द्वारा संगीतमय श्री राम कथा प्रस्तुत की जाएगी। वहीं 12 फरवरी को महायज्ञ के सभी कार्यक्रमों के साथ संत विद्वानों व साधु संतों की विदाई और भंडारा के रूप में महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस गांव के लोगों की यज्ञ भगवान के प्रति काफी गहरी आस्था जुड़ी हुई है। पढ़ाई लिखाई से लेकर नौकरी व उन्नत खेती बारी को यहां के लोग यज्ञ भगवान का आशीर्वाद मानते हैं। उसी कारण यज्ञ अवधि में अधिसंख्य ग्रामवासी नौकरी पेशा वाले लोग छुट्टी लेकर घर आते हैं। यज्ञ कार्य में हाथ बंटाते हैं। वहीं यज्ञ के दौरान यज्ञ मंडप की परिक्रमा व प्रवचन सुनने के लिए स्थानीय दर्जनों गांवों के साथ कोयल नदी के उस पार पलामू जिला के दर्जनों गांव से लोग बड़ी संख्या में यज्ञ में भाग लेते हैं।

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