जेएससीजीएल परीक्षा पास कराने के लिए वसूले 10 लाख रुपये
गढ़वा में जेएससीजीएल परीक्षा पास कराने के नाम पर अभ्यर्थी से 10 लाख रुपये वसूलने का मामला सामने आया है। अभ्यर्थी ने चेक से राशि दी थी और प्रमाण पत्र भी लिए गए थे। रिजल्ट न आने पर राशि वापस करने का...

गढ़वा, ओम प्रकाश पाठक। जेएससीजीएल परीक्षा पास कराने के नाम पर अभ्यर्थी से 10 लाख रुपये लेनदेन का मामला प्रकाश में आया है। मामले में अभ्यर्थी और उससे रुपये वसूलने वाले के बीच राशि के लेनदेन को लेकर पिछले 25 जनवरी को एकरारनामा भी हुआ है। उक्त एकरारनामा के मुताबिक जिलांतर्गत नगर ऊंटारी थाना के जंगीपुर गांव निवासी अविनाश कुमार तिवारी ने 17 सितंबर 2024 को अहिरपुरवा गांव निवासी अभ्यर्थी गुलाब राम पासवान से जेएससीजीएल परीक्षा पास कराने के लिए उक्त रुपये लिए। अभ्यर्थी ने भारतीय स्टेट बैंक के चेक संख्या 292962 से उक्त रुपये दिए थे। उसके साथ ही पास कराने के लिए अभ्यर्थी से उसका मैट्रिक और स्नातक का अंक पत्र व मूल प्रमाण पत्र भी ले लिया। उस दौरान अभ्यर्थी को आश्वस्त किया गया कि जेएससीजीएल का रिजल्ट आने पर वह उसे उक्त प्रमाण पत्र वापस कर देगा। अगर रिजल्ट अभ्यर्थी के पक्ष में नहीं आता है तो उससे लिए गए उपरोक्त राशि चार मार्च 2025 तक एकमुश्त वापस करने के साथ सभी प्रमाण पत्र भी लौटा देगा। जेएससीजीएल का रिजल्ट पिछले 4 दिसंबर 2024 को आया। उसमें अभ्यर्थी पास नहीं हुआ। उसके बाद राशि वापस करने को लेकर दोनों के बीच बैठक हुई। उसमें उसने सेक्यूरिटी के तौर पर 15 जनवरी 2025 की तारीख पर सेंट्रल बैंक शाखा पाल्हेकला के नाम 10 लाख रुपये का चेक संख्या 013449 दिया। साथ ही अविनाश ने उसे कहा कि अगर वह चार मार्च तक राशि वापस नहीं करता है तो धमनी गांव स्थित उसके छह डिसमिल जमीन बिक्री के लिए जो एकरारनामा किया है उसके द्वारा लिए गई राशि के मूल्य में ही वह उसे या उसके बताए किसी व्यक्ति के नाम कर देगा जबकि एकरारनामा में 20 लाख रुपये विक्रय मूल्य निर्धारित किया गया है। उसपर उसे कोई आपत्ति नहीं होगी। अगर उक्त जमीन रजिस्ट्री करने या राशि देने में वह आनाकानी करते हैं तो अभ्यर्थी गुलाब राम उसके विरूद्ध न्यायालय में मुकदमा करने के लिए स्वतंत्र हैं। एकरारनामा पर बतौर गवाह हस्ताक्षर करने वाले मंदीप कुमार रवि बताते हैं कि भुक्तभोगी को राशि नहीं मिलने पर मामले में समझौता के बैठक हुई थी। उधर आरोपी अविनाश ने बताया कि वह जमीन का कारोबार करते हैं। जमीन बिक्री को लेकर ही उन्होंने अग्रिम लिया था। उसमें से अब मात्र एक-दो लाख ही बकाया है। बाकी राशि का भुगतान कर दिया गया है। एक पेपर में साइन करके दे दिए थे। उसमें क्या लिखाया गया है उसकी जानकारी नहीं है। उसने जेएससीजीएल परीक्षा पास कराने के नाम पर पैसे नहीं लिए हैं।
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