Hindi Newsझारखंड न्यूज़दुमकाThe foreclosure court of Baba Basukinath collapsed with tilakharuas

बाबा बासुकीनाथ के तिलकोत्सव पर तिलकहरूओं से पटा फौजदारी दरबार

बसंत पंचमी पर करीब 70 हजार शिवभक्तों ने बाबा बासुकीनाथ की पूजा अर्चना की बसंत पंचमी पर करीब 70 हजार शिवभक्तों ने बाबा बासुकीनाथ की पूजा अर्चना...

Newswrap हिन्दुस्तान, दुमकाWed, 17 Feb 2021 03:54 AM
share Share

बाबा बासुकीनाथ के तिलकोत्सव पर तिलकहरूओं से पटा फौजदारी दरबार

जरमुंडी। बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर भगवान बासुकीनाथ के तिलकोत्सव को लेकर मंगलवार को फौजदारी दरबार तिलकहरूओं से पटा रहा। बाबा बासुकीनाथ को तिलक चढ़ाने और पूजा अर्चना करने के लिए मंदिर प्रांगण में तिलकहरूओं की भीड़ दिनभर उमड़ती रही। शाम चार बजे भोले बाबा के विश्राम पूजन तक करीब 70 हजार शिवभक्तों ने भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना किया। बाबा के तिलक को लेकर मंदिर प्रांगण में मंगलवार को दिनभर तिलकहरूओं का जत्था पूजा-अर्चना करने के बाद एक साथ समूह बनाकर बाबा के तिलकोत्सव के मांगलिक गीत गाते दिखाई पड़े। ढोलक की थाप पर मंजीरों की खनक दिनभर मंदिर प्रांगण में गूंजती रही। भोलेनाथ की भक्ति पर आधारित पारंपरिक मिथिलांचल के गीतों की बोल से बाबा बासुकीनाथ मंदिर प्रांगण गुंजायमान होता रहा। तिलकहरूओं की आस्था देखते ही बन रही थी। बाबा के तिलकोत्सव पर पारंपरिक गीतों और मिथिलांचल के प्रसिद्ध कवि विद्यापति के शिव भक्ति में सराबोर लोकगीतों का सामूहिक गान, मिथिलांचलवासी तिलकहरूओं के आस्था की पराकाष्ठा को दर्शा रहे थे। भोलेनाथ की शान में मिथिलांचलवासी दिन भर ढोलक की थाप पर लोकगीतों की सामूहिक प्रस्तुति में डूबे रहे। तिलकहरूओं की टोली भक्ति के आनंद से सराबोर होकर अबीर गुलालों की सामूहिक होली भी खेलते दिखे। तिलक चढ़ाने के लिए बाबा के धाम में तिलकहरूओं की भक्ति यात्रा के समापन के क्षणों में बाबा को समर्पित लड्डुओं का भोग समूह के भक्तों में प्रसाद के रूप में बांटा गया। शिव भक्ति के आनंद में बाबा के प्रसाद लड्डू को खाकर शिवभक्त तिलकहरू अपनेे अपने गंतव्य को लौट रहे थे। इस क्रम में फिर कोई तिलकहारूओं का जत्था बाबा बासुकीनाथ मंदिर पहुंचता और महादेव की पूजा अर्चना के बाद मंदिर प्रांगण में सामूहिक टोली बनाकर शिव भक्ति में तिलक के लोकगीत गाकर भक्ति के रंग की होली खेलकर शमा बांधने में जुट जाता। यह क्रम मंगलवार को बसंत पंचमी के उपलक्ष्य पर दिन भर चलता रहा। मानो भक्ति की पराकाष्ठा और भक्तों की भक्ति का कोई पारावार ही शेष नहीं रहा था। बसंत पंचमी के मौके पर तिलकहरूओं की भीड़ को लेकर बासुकीनाथ मंदिर प्रशासन विधि व्यवस्था को लेकर सतर्क थी। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त जिला पुलिस बल मंदिर के विभिन्न द्वारों में तैनात किए गए थे। बसंत पंचमी पर मंदिर प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं को पूजा-अर्चना कराने के लिए श्रावणी मेला के तर्ज पर बेरी केटिंग करके गर्भगृह में कतार बद्ध कर प्रवेश कराया जा रहा था।

बसंत पंचमी पर भोर 4 बजे खुला बासुकीनाथ मंदिर

बसंत पंचमी के मौके पर बाबा बासुकीनाथ मंदिर का प्रांगण तड़के 4:00 बजे भोर खुलने के बाद मंदिर की साफ सफाई हुई। इसके बाद सरकारी पुरोहित पुजा संपन्न हुई। इसके बाद मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। बाबा के तिलकोत्सव में जुटे तिलकहरूओं ने तड़के 5:00 बजे से पूजा अर्चना करना शुरू किया। अपराहन 4:00 बजे तक तिलकहरूओं की भीड़ बाबा बासुकीनाथ मंदिर प्रांगण में निरंतर जुटी रही। दिवा कालीन विश्राम पूजा तक लगभग 70000 श्रद्धालुओं ने बाबा बासुकीनाथ की पूजा अर्चना की और मंदिर परिसर में अबीर गुलाल लगाकर तिलकोत्सव की खुशियां मनाई।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें