बासुकीनाथ में शिवगंगा सरोवर का हुआ अपवित्र, प्रदूषित जल स्नान के लायक नहीं
काई और फिसलन से श्रद्धालु हो रहे चोटिल, स्थानीय नागरिकों की मांग पर नपं ने कराई घाट की सफाई काई और फिसलन से श्रद्धालु हो रहे चोटिल, स्थानीय नागरिक
जरमुंडी प्रतिनिधि। बासुकीनाथ का शिवगंगा सरोवर सिर्फ नाम मात्र का ही पवित्र रह गया है। वास्तविकता यह है कि इसका जल स्नान करने लायक नहीं है। प्रदूषित जल के कारण शिवगंगा का धार्मिक महत्व और तीर्थ के जल की उपयोगिता समाप्त हो गई है। बता दें कि इनदिनों शिवगंगा के प्रदूषित जल में स्नान करना कई चर्मरोंगों को आमंत्रण देना है। श्रद्धालु इसमें स्नान करना तो दूर पैर धोने के लिए भी नाक भौं सिकोड़ने लगे हैं। इसके जल में इन दिनों हरी हरी काई और शैवाल हो गया है। शिव गंगा के घाटों में काफी फिसलन भी है।जिससे श्रद्धालु अक्सर गिर पड़ते हैं और चोटिल हो जाते हैं। श्रद्धालुओं की परेशानी को देखते हुए पंडा-पुरोहितों ने फिसलन और काई की सफाई की मांग मंदिर प्रबंधन से की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए बासुकीनाथ मंदिर प्रबंधन के द्वारा मंगलवार को शिवगंगा के घाटों में फिसलन की सफाई कराई गई। इस दौरान शिवगंगा के काई, शैवाल को हटाने की प्रक्रिया भी हुई। किन्तु दूषित जल की सफाई नहीं हो सकी है।
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