हिन्दी उपन्यास काला घोड़ा की संथाली अनुवाद के लिए साहित्यकार नाजीर हेम्ब्रम को मिला सम्मान
दुमका जिला के काठीकुंड प्रखंड में कार्यरत संथाली साहित्यकार नाजीर हेम्ब्रम को साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है। उन्हें हिंदी साहित्यकार नीलोत्पल मृणाल के उपन्यास 'काला...

दुमका, प्रतिनिधि। दुमका जिला के काठीकुंड प्रखंड में मनरेगा बीपीओ के पद पर पदस्थापित संथाली साहित्याकार नाजीर हेम्ब्रम को साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार 2024 से सम्मानित किया गया है। साहित्यकार नाजीर हेम्ब्रम को बाद में आयोजित होने वाली विशेष समारोह में पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक व 50 हजार रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी। यह निर्णय राष्ट्रीय साहितय संस्थान संस्कृत मंत्रालय, भारत सरकार की स्वायत्तशासी संस्था साहित्य अकादेमी ने ली है। संथाली साहित्यकार नाजीर हेम्ब्रम को हिंदी के साहित्यकार नीलोत्पल मृणाल के उपन्यास काला घोड़ा की संथाली में किए गए अनुवाद हेंडे सादोम उपन्यास के लिए सम्मानित किया गया है। इधर साहित्यकार नाजीर हेम्ब्रम ने बताया कि वर्ष 2017 में वे दुमका जिला के सरैयाहाट प्रखंड में बीपीओ के पद पर पदस्थापित थे। उसी समय साहित्यकार नीलोत्पल मृणाल के उपन्यास काला घोड़ा (डार्क हार्स) को पढ़ने के बाद उनसे दुमका के नोनीहाट में मुलाकात कर इसे संथाली में अनुवाद करने की इच्छा व्यक्त की थी। लगातार उनके संर्पक में भी रहा। अनुमति मिलने के बाद सरकार के कार्यो की व्यस्तता के बीच थोड़ा-थोड़ा कर अनुवाद करने का काम शुरू किया। टाइपिंग की सुविधा नहीं होने के बाद भी खुद से टाइप कर तीन साल में कार्य को पूरा किया। वर्ष 2022 में संथाली में अनुवाद करने के बाद पुस्तक का प्रकाशन हसील पब्लिकेशन जामताड़ा से किया। जिसके बाद वर्ष 2022 में जमशेदपुर में आयोजित साहित्य अकादमी प्रोग्राम में पुस्तक का विमोचन किया गया था। कहा आज इस सफलता पर मन काफी गदगद है। उन्होंने संदेश दिया है कि कठिन परिस्थिति में रह कर भी यदि अच्छा करने का इरादा रहे तो वह संभव है।
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