दुमका केन्द्रीय कारा के एक सजायाफ्ता बंदी की इलाज के दौरान हुई मौत
दुमका। प्रतिनिधिदुमका केन्द्रीय कारा के एक 53 वर्षीय सजायाफ्ता बंदी निमाई चन्द्र महतो की इलाज के दौरान पीजेएमसीएच में मौत हो गई। यह घटना बुधवार को द
दुमका। प्रतिनिधि दुमका केन्द्रीय कारा के एक 53 वर्षीय सजायाफ्ता बंदी निमाई चन्द्र महतो की इलाज के दौरान पीजेएमसीएच में मौत हो गई। यह घटना बुधवार को देर रात पीजेएमसीएच के कैदी वार्ड में हुई है। सजायाफ्ता बंदी काफी दिनों से बीमार चल रहा था। कारा प्रशासन ने इलाज के लिए पीजेएमसीएच के कैदी वार्ड में भर्ती कराया था। करीब 40 दिनों से पीजेएमसीएच में बंदी का इलाज चल रहा था। बंदी का बुखार उतर नहीं रहा था और उसके पेशाब में इंफेक्शन भी हो गया था। बुधवार की रात में उसकी मौत हो गई। इधर,बंदी के परिजनों ने मारपीट कर हत्या करने का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि बंदी निमाई चन्द्र महतो की बीमारी से अगर मौत हुई होती तो उसके आंख के पास खून के धब्बे नहीं लगे रहते और न ही आंख के नीचे काले का निशान रहता। बंदी गोड्डा जिला के श्यामपुर का रहने वाला था और उसे एक हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा मिली थी। बंदी दुमका के केन्द्रीय कारा में 2018 से था। इधर,कारा अधीक्षक का कहना है कि बंदी दुमका के फुलो-झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती था। उसकी तीमारदारी के लिए उसके परिजनों को पत्र भेजा गया था,पर कोई भी परिजन अस्पताल में बीमार बंदी को देखने तक नहीं आए। बीमार बंदी की तीमारदारी के लिए परिजनों को साथ में रहना जरुरी होता है,पर कोई भी परिजन साथ में नहीं थे। जेल से निकलने के बाद बीमार बंदियों का इलाज जिला पुलिस की निगरानी में होता है। उनकी अभिरक्षा में बंदी नहीं था। बंदी बहुत ही कमजोर हो गया था और हो सकता है कि वह शौचालय जाने के वक्त गिर पड़ा होगा,जिससे उसकी मौत हो गई होगी। कारा प्रशासन ने शव का पीजेएमसीएच में पोस्टमार्टम कराने के बाद उसके परिजनों को सौंप दिया।
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