Hindi NewsJharkhand NewsDumka NewsNawanna Festival Announced on November 18 at Basukinath Temple

बाबा बासुकीनाथ के आदेश पर 18 नवंबर को होगा नवान्न

18 नवंबर को बासुकीनाथ प्रक्षेत्र में नवान्न पर्व मनाने की घोषणा की गई है। बाबा बासुकीनाथ मंदिर में पुजारी सदाशिव पंडा द्वारा फुलायश देकर तिथि का निर्धारण किया गया। नवान्न पर्व पर नई फसल से भगवान को...

Newswrap हिन्दुस्तान, दुमकाFri, 15 Nov 2024 01:44 AM
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जरमुंडी, प्रतिनिधि। फौजदारी बाबा का आदेश पाकर आगामी 18 नवंबर को बासुकीनाथ प्रक्षेत्र में नवान्न पर्व की घोषणा की गई है। नवान्न पर्व के तिथि की घोषणा के लिए गुरुवार को बाबा बासुकीनाथ मंदिर में पुजारी सदाशिव पंडा ने फुलायश देकर पहले भोलेनाथ से अनुमति मांगी गई। फुलायश देकर बाबा की सहमति प्राप्त होने पर नवान्न प्राशन की घोषणा की गई। आगामी मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि तदनुसार सोमवार को नवान्न धूमधाम से मनाया जाएगा। परंपरानुसार धान की नई फसल पकने पर नवान्न प्राशन हेतु सर्वप्रथम यहां के महाराजाधिराज भगवान को नई फसल से तैयार अक्षत और दूध दही मिष्ठान्न सहित ऋतुफल व साक सब्जियां अर्पित की जाती है। इसके बाद पवित्र अग्नि प्रज्वलित कर स्विष्टकृत होम में पवित्र आहुतियां देकर नवीन अन्न को प्रसाद रूप में ग्रहण किया जाता है।

यहां बता दें कि नवान्न पर्व के लिए बासुकीनाथ मंदिर के पंडा-पुरोहित पहले नवान्न पर्व के लिए शुभ तिथियों का चुनाव करते हैं और तिथि निर्धारण के लिए बाबा बासुकीनाथ मंदिर में फूलायस देते हैं। फूलायस के माध्यम से जब बाबा की अनुमति मिल जाती है तो नवान्न प्राशन के लिए तिथि घोषित कर दी जाती है। इस तरह बासुकीनाथ प्रक्षेत्र में महादेव की अनुमति लेकर नवान्न पर्व के लिए तिथि निर्धारित किया जाता है। फुलायश से घोषित तिथि को महादेव का आदेश मानकर बासुकीनाथ प्रक्षेत्र के निवासिन प्रजाजन भोलेनाथ को सर्वप्रथम नवान्न का भोग लगाते हैं और तब परिवार और कुटुंब जनों के साथ प्रसाद रूप में चावल का उपयोग करते हैं । परंपरा के अनुसार बासुकीनाथ, जरमुंडी, जामा, हंसडीहा, रामगढ़, सरैयाहाट, दुमका, सहारा, तालझारी सहित आसपास के सैकड़ों गांवों में नवान्न मनाने का निर्णय फौजदारी बाबा पर फुलाइस से लिया जाता है। इसी परंपरा अनुसार गुरुवार को बासुकीनाथ मंदिर के पुजारी सदाशिव पंडा द्वारा पंडा-पुरोहित की उपस्थिति में ज्योतिर्मय नागेश शिवलिंग पर चावल कसेली, पान पत्ता एवं बेलपत्र चढ़ाकर फुलाइस दिया। बाबा बासुकीनाथ की अनुमति प्राप्त होने पर 18 नवंबर को नवान्न पर्व मनाने का निर्णय लिया गया। इस मौके पर पंडा धर्मरक्षिणी के अध्यक्ष मनोज पंडा, महामंत्री पं संजय झा, मुकेश झा, पंडित जितेंद्र झा, पंडित मनोज झा, संजय झा, कुणाल झा, कुंदन पत्रलेख, धर्मेंद्र झा, बमबम गोस्वामी, सहायक पुजारी गणेश झा, मंदिरकर्मी सहित दर्जनों अन्य मौजूद थे।

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