रमजान के पहले जुमे की नमाज की गई अदा, शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील
दुमका में मुस्लिम समुदाय ने रमजान के पहले जुम्मे की नमाज अदा की। नमाज के बाद शांति और सद्भाव की अपील की गई। रमजान में रोजा रखने और जुमे की नमाज का खास महत्व है। इफ्तार में गरीबों का ध्यान रखा गया। यह...

दुमका, प्रतिनिधि। दुमका सहित जिले भर के मस्जिदों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रमजान के पहले जुम्मे की नमाज अदा की। नमाज अदा करने के बाद अल्ला-ताला से शहर में शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील की गई। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार हर मुसलमान के लिए जुम्मे की नमाज जरूरी है। रमजान जुम्मे की नमाज की अधिक अहमियत है। इस माह का एहतराम करते मुस्लिम धर्मावलंबी दिन भर रोजा (उपवास) रखते, नमाज अदा करने के साथ कुरआन की तेलावत एवं शाम को लजीज पकवान, फल, शरबत के साथ इफ्तार (रोजा खोलते) करते हैं। इफ्तार में गरीब मिस्किनों पर खासा ध्यान रखते हुए इफ्तार में भागीदारी सुनिश्चित कराती है। शुक्रवार को माहे रमजान का पहला जुम्मा सम्पन्न हो गया। इस्लाम धर्म में शुक्रवार, यानी जुमा, अल्लाह की इबादत करने के लिए एक विशेष दिन माना जाता है। इस दिन मुसलमानों को नमाज अदा करना अनिवार्य है। विशेष रूप से रजमान के पाक महीने में पड़ने वाले जुमे की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। रमजान इबादत और बरकत का महीना होता है। मुसलमान इस महीने रोजा भी रखते हैं। रमजान महीने में रोजा रखने और जुमा की नमाज अदा करने पर अल्लाह उनकी सभी इच्छाएं पूरी करता है। इसलिए रमजान के महीने में शुक्रवार का महत्व और बढ़ जाता है। रमजान महीने में जुमा की नमाज अदा करने के लिए मस्जिद में बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और सिर छुकाकर अल्लाह का इबादत करते हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।