जरमुंडी के बांधडीह में आयोजित भागवत कथा में उमड़े श्रद्धालु
जरमुंडी प्रखंड के बांधडीह गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक संजयानंद झा ने हरिनाम संकीर्तन का महत्व समझाया। उन्होंने राधा-कृष्ण नाम के स्मरण से जीवन की कठिनाइयों को पार करने का...

जरमुंडी, प्रतिनिधि। जरमुंडी प्रखंड के बांधडीह गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कथावाचक संजयानंद झा ने जीवन में हरिनाम संकीर्तन का महत्व समझाया। उन्होंने बताया कि जीवन रुपी नैया को पार करने के लिए राधा-कृष्ण नाम ही एक सहारा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में ऐसा कोई मनुष्य नहीं है जो दुखी नहीं है लेकिन, इसका मतलब यह नहीं होता है कि हम भगवान का स्मरण करना ही छोड़ दे। जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहेंगे राधा-कृष्ण नाम का स्मरण करने मात्र से हरेक विषम परिस्थिति को पार किया जा सकता है। लेकिन अमूमन सुख हो या दुख हम भगवान को भूल जाते हैं। दुखों के लिए उन्हें दोष देना उचित नहीं है। कथा व्यास ने शिव पार्वती विवाह प्रसंग पर प्रकाश डाला। कहा कि नारदमुनि भगवान शिव एवं पार्वती विवाह का रिश्ता लेकर आए थे। उनकी माता इसके खिलाफ थी उनका मानना था कि शिव का कोई ठोर ठिकाना नहीं है। ऐसे पति के साथ पार्वती का रिश्ता निभना संभव नही है। उन्होंने इसका विरोध भी किया। लेकिन माता पार्वती का कहना था कि वे भगवान शिव को पति के रुप में स्वीकार कर चुकी है तथा उनके साथ ही जीवन जीना चाहेगी। इसके बाद दोनों का विवाह हो सका। इस भागवत कथा में बतौर यजमान विनोद साह धर्मपत्नी केशोवती देवी भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम के सफल आयोजन में टुनटुन मंडल, दीपक मंडल, संजीव मंडल, विक्कू कुंवर, जोगाय मंडल, आशीष चौधरी, नितेश मंडल, कुंदन कुमार, सोहन मंडल, श्रवण मंडल, राज कुमार, अजय मंडल, बजरंग कुंवर व अन्य शामिल थे।
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