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दुमका का दूरदर्शन केन्द्र हुआ बंद,एफएम रेडियो का केवल होता है प्रसारण

दुमका का दूरदर्शन केन्द्र अब बंद हो चुका है। यहां से सभी प्रसारण बंद हो गए हैं और मशीनों की निलामी हो चुकी है। अब केवल एफएम रेडियो का प्रसारण हो रहा है, जो बहुत कम फ्रीक्वेंसी पर है। मोबाइल के बढ़ते...

Newswrap हिन्दुस्तान, दुमकाFri, 17 Jan 2025 11:17 PM
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दुमका। प्रतिनिधि दुमका का दूरदर्शन केन्द्र अब बंद हो चुका है। दुमका से सभी प्रसारण बंद हो गए है। सभी मशीनों की निलामी हो चुकी है। यहां से करीब एक दर्जन से अधिक कर्मियों का स्थानांतरण हो चुका है। बाकी बचे सामानों की भी जल्द ही निलामी होने के कगार पर है। दुमका का दूरदर्शन केन्द्र इंडोर स्टेडियम के निकट है। यहां अब केवल एफएम रेडियो का प्रसारण हो रहा है। वह भी बहुत ही कम फ्रीक्वेंसी के मशीन लगे हुए है। एफएम रेडियो का प्रसारण भी कभी बंद हो सकती है। दूरदर्शन केन्द्र में वर्तमान में दो कर्मी है। दोनों कर्मी शिफ्ट के अनुसार ड्यटी करते है। कर्मियों का कहना है कि दूरदर्शन केन्द्र की सभी मशीनों की निलामी हो चुकी है और कुछ सामान बचे हुए है। उक्त सामानों की भी जल्द ही निलामी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि सुबह के करीब 5.55 में स्टेशन को चालू कर दिया जाता है। स्टेशन खोलने के बाद एफएम रेडियो के प्रसारण को चालू कर दिया जाता है। रात करीब 11.10 बजे केन्द्र को बंद किया जाता है। एफएम की फ्रीक्वेंसी बहुत ही कम है। एफएम रेडियो में झारखंड की लोक संस्कृति को प्रसारित किया जाता है। न्यूज व आदि कार्यक्रमों का भी प्रसारण होता है। उन्होंने बताया कि बदलते जमानों के साथ लोगों की ख्वाहिशें भी बदल गयी है। अब लोग जियो फाइवर,डिस्क आदि लगाकर न्यूज व रंगारंग कार्यक्रम को देखना पसंद करते है। पहले लोग दूरदर्शन के प्रसारण को देखने के लिए एंटीना लगाकर कार्यक्रम का लुत्फ उठाते थे। इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं लगता था। दूरदर्शन में रामायण, महाभारत, बिक्रम-वेताल सहित कई मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते थे। दूरदर्शन में शनिवार और रविवार को फिल्मे भी दिखायी जाती थी। परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर पुरानी फिल्मों का आनंद भी उठाते थे,पर अब लोगों के पास फुर्सत नहीं है। कई घंटों की फिल्में अब पलक झपकते ही लोग मोबाइल पर देख लेते है। देश-दुनिया की खबरे भी राह चलते देख लेते है। घर जाने की कोई जल्दबाजी नहीं रहती है और न ही बिजली आने व जाने की कोई परेशानी। जब चाहे मोबाइल पर मनोरंजन के साथ-साथ देश-विदेशों की बड़ी-छोटी खबरें देख सकते है। कर्मियों का कहना है कि मोबाइल के बढ़ते प्रचलन से दूरदर्शन की महत्ता पूरी तरह से समाप्त हो गई। एफएम रेडियो के प्रसरण को भी कोई नहीं सुनते है। यह प्रसारण भी कुछ दिनों के बाद बंद कर दिए जाएंगे।

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