उपायुक्त ने की जिला स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक
दुमका में उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे की अध्यक्षता में फसलों, फूलों, सब्जियों, पशुपालन और मत्स्य पालन के वित्तीय परिमाप निर्धारण के लिए जिला स्तरीय तकनीकी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में कृषि ऋण,...

दुमका। समाहरणालय सभागार में उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे की अध्यक्षता में जिले में लगने वाली फसलों, फूलों, सब्जियों एवं पशुपालन तथा मत्स्य पालन का परिमाप निर्धारण हेतु जिला स्तरीय तकनीकी समिति के बैठक आयोजित की गयी। बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी, दुमका द्वारा उपायुक्त सह अध्यक्ष एवं सभी सदस्यगण को जिले में लगने वाली फसलों, फूल, सब्जियों, पशुपालन तथा मत्स्य पालन का वित्तीय परिमाप निर्धारण के संबंध में अवगत कराया गया।उनके द्वारा बताया गया कि इसका मुख्य उदेश्य किसानों को कृषि पशुपालन एवं मत्स्य पालन हेतु किसान क्रेडिट कार्ड एवं कृषि ऋण फसल बीमा की प्रिमियम की राशि तय करने के लिए प्रयोग किया जाता है। जिला कृषि पदाधिकारी, दुमका द्वारा पूर्व वर्ष 2024-25 में लगने वाली फसलों, पशुपालन एवं मत्स्यपालन का वित्तीय परिमाप की उत्पादन लागत विवरणी सभी सदस्यों को उपलब्ध कराया गया। सदस्यों द्वारा सुझाव दिया गया कि पूर्व वर्ष में लगने वाली फसलों,पशुपालन एवं मत्स्य पालन के वित्तीय परिमाप के आधार पर वर्ष 2025 में दैनिक मजदूरी में वृद्धि तथा अन्य उत्पादनों, उर्वरक एवं रसायनों के मूल्य की वृद्धि के आधार पर कृषि वैज्ञानिक एवं सदस्यगण के साथ विमर्श कर वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए फसलों का वित्तीय परिमाप निर्धारण किया जाय।सुझाव के आधार पर सभी तकनीकी पदाधिकारी एवं कृषि वैज्ञानिक के साथ विमर्श कर वित्तीय वर्ष 2025-26 की उत्पादन लागत विवरणी तैयार किया गया है। जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया कि विभाग में चल रही विभिन्न मात्स्यकी गतिविधियों का लागत मूल्य मत्स्य निदेशालय द्वारा तय किये गए विवरणी के अनुसार दी गई है। जिला पशुपालन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि विभाग आतर्गत संचालित योजनाओं यथा-2 गाय 5 गाय,10 गाय, 50 गाय पालन हेतु लागत मूल्य इस वर्ष विभाग द्वारा तय की गई है।उसी के आधार पर विवरणी तैयार की गई है। अग्रणी बैंक प्रधक दुमका द्वारा सभी सदस्यों को अवगत कराया गया कि जिले के किसानों को पशुपालन एवं मछली पालन हेतु वित्त पोषण करने का प्रावधान पूर्व वर्ष से ही किया गया है। इस प्रकार इन क्षेत्रों में वित्त पोषण किया जाता है तो किसानों की आय में अधिक वृद्धि होगी। उनके द्वारा अवगत कराया गया कि गाय पालन हेतु किसानों को केवल कार्यशील पूंजी ही ऋण के रूप में प्रदान किया जाना है।इसके अतिरिक्त मत्स्य पालन हेतु किसानों को भी ऋण प्रदान किया जाना है,जिससे इन क्षेत्रों में ससमय ऋण प्रदान कर किसानों द्वारा समेकित कृषि प्रणाली को अपनाया जा सके। उपायुक्त ने कहा कि सरकार की योजनाएं अंतिम योग्य व्यक्ति तक पहुंचे इसे ध्यान में रखते हुए कार्य करें। बैठक में संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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