Hindi Newsझारखंड न्यूज़दुमकाDiarrhea Outbreak in Jharkhand 5 Deaths and Growing Panic Among Villagers

सरसडंगाल में डायरिया से पांच की मौत, दर्जनों आक्रांत

झारखंड के सरसडंगाल में डायरिया से पांच लोगों की मौत हो गई है। ग्रामीणों में दहशत है और बीमारों का इलाज क्लब भवन में चल रहा है। चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि विभाग द्वारा लगातार चिकित्सा शिविर चलाए जा...

Newswrap हिन्दुस्तान, दुमकाThu, 21 Nov 2024 05:45 PM
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शिकारीपाड़ा प्रतिनिधि। सरसडंगाल में डायरिया से पांच की मौत व दर्जनों आक्रांत से ग्रामीणों में दहशत बनी हूई है। विगत चार दिनों से गांव के क्लब भवन में ही बीमार लोगों को जमीन पर लिटा कर सलाइन एवं दवा आदि चिकित्सा की जा रही है आज भी इस कलाभवन में गांव के नए डायरिया पीड़ित की पहचान कर चिकित्सा की जा रही है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर देवानंद मिश्रा ने बताया विभाग द्वारा लगातार गांव में शिविर लगाकर लोगों की चिकित्सा की जा रही है महामारी पर काफी हद तक नियंत्रण पा लिया गया है, दूषित भोजन पानी, वातावरण आदि बीमारी का मुख्य कारण हो सकते हैं जिस पर अभी जांच की जा रही है।डायरिया या अन्य किसी महामारी से ग्रामीणों में दहशत के साथ सरकार एवं प्रशासन के प्रति भारी नाराजगी है।अब तक शिकारीपाड़ा प्रखंड के सरस डंगाल,चित्रागढ़िया,डुमरिया, सोनाढाब आदि गांव के दर्जनों से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इलाज करने वालों में सैकड़ो की संख्या पार हो चुकी है। इस बड़ी महामारी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल एवं स्वच्छता, खाद एवं सुरक्षा आदि कई सम्बंधित विभाग के अधिकारी जिम्मेवार होकर भी मुक दर्शक बने हुए हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जहां चुनावी सभा को संबोधित कर रहे हैं इसी प्रखंड में महामारी से बढ़ते मौत पर चिंता जताने वाले भी गाँव अब तक कोई नहीं पहुंचे। डर से सभी लोग मास्क लगाने लगे हैं बाजारों में मास्क की बिक्री बढ़ने लगी है लोगों को फिर से कोरोना जैसी बीमारी के डर का एहसास होने लगा है। आदिवासी के नाम पर संथाल परगना में कई दिग्गजों द्वारा बड़ी-बड़ी बातें तो की जाती है मगर धरातल पर इसका नजारा कुछ और ही देखने को मिलता है शिकारीपाड़ा प्रखंड प्रमुख हुदू मरांडी व उनकी बेटी मुखिया फूलीना मरांडी का आवासीय गांव है। बावजूद इसके गांव में नाली की कमी के कारण सड़क पर गंदे पानी फैले,बिखरे रहते हैं गांव में गड्ढे में जमा गंदा पुराना पानी कई बीमारियों को आमंत्रित कर रहे हैं। जबकि एक तरफ पेयजल एवं स्वच्छता विभाग सोखता गड्ढा, विधायक निधि, सांसद निधि, 14वीं एवं 15वीं वित के अलावे खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट मद आदि की राशि से करोड़ों रुपए खर्च की जा रही है बावजूद इसके खासकर आदिवासी पहाड़ियां बहुल गांव में सड़क,नाला, शुद्ध पानी, चिकित्सा आदि की विकराल समस्या धीरे-धीरे घातक रूप ले रही है। पीड़ित परिवार एवं ग्रामीणों द्वारा जिला प्रशासन व राज्य सरकार से इस बड़ी लापरवाही को देखते हुए संबंधित विभाग पर अविलंब कार्रवाई करें ताकि इस बड़ी लापरवाही के लिए जिम्मेदार विभाग के अधिकारी दोबारा इस लापरवाही को ना दोहराएं।

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