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घना कोहरा ने बढ़ाया कनकनी, 10 बजे के बाद लोगों को सूर्य का हुआ दर्शन

दुमका में मकर संक्रांति के दूसरे दिन घने कोहरे के कारण ठंड बढ़ गई है। सुबह के समय 12 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ, बच्चों को स्कूल जाने में कठिनाई हो रही है। अभिभावक भी बच्चों को ठंड में...

Newswrap हिन्दुस्तान, दुमकाThu, 16 Jan 2025 03:34 AM
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दुमका, प्रतिनिधि। मकर संक्रांति के दूसरे दिन ही आसमान में घना कोहरा के छा जाने से बुधवार को अचानक ठंड में इजाफा हो गया है। सुबह करीब 10 बजे के बाद दुमका में लोगों ने भगवान सूर्य का दर्शन किया। हालांकि धूप में तेज नहीं होने के वजह से ठंड से बहुत ज्यादा लोगों को राहत महसूस तो नहीं हुई। अन्य दिनों की अपेक्षा बुधवार को लोगों को कनकनी का ज्यादा सामना करना पड़ा। घर के अंदर अधिकांश लोग दुबके रहे, पर घर में भी कनकनी का अहसास लोगों को होता रहा। दुमका में बुधवार को ऐसे तो न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक रहा। जबकि अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस तक रही। मौसम विभाग की माने तो इस क्षेत्र में अभी तीन दिनों तक इसी तरह से सर्द हवा व कोहरे का असर रहेगा। इधर बुधवार को उपराजधानी दुमका सहित संताल के आस-पास के क्षेत्रों में भी दिन के करीब 10 बजे तक कोहरा छाए रहने के वजह से लोगों को वाहन से चलने में परेशानी का सामना करना पड़ा। वाहनों की रफ्तार अन्य दिनों की अपेक्षा कम रही। सबसे ज्यादा समस्या अहले सुबह लोगों को वाहन चलाने में हुई। धुंध के वजह से वाहन चलाते समय चालकों को काफी सावधनी बरतनी पड़ी।

स्कूल के खुलते ही बढ़ी कनकनी से बच्चे परेशान : स्कूल खुलते ही कड़ाके की सर्दी ने स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चों की हालत खराब कर दी है। कनकनी और सर्द हवाएं बच्चों के लिए मुश्किलें पैदा कर रही हैं। इस समस्या का असर बच्चों के अभिभावकों पर भी पढ़ रहा है। सुबह के समय बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए अभिभावक को भी साथ जाना पड़ रहा है। बुधवार की सुबह को बहुत ज्यादा घना कोहरा रहने के वजह से अभिभावकों को कोहरे के धुंध के बीच बच्चों को बाइक पर या पैदल स्कूल तक पहुंचाना पड़ा। इस बीच बच्चों को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।

विद्यालय के खुले होने के कारण विशेष कर कक्षा नर्सरी से केजी क्लास के बच्चों को विशेष परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जो बच्चे वाहन से दूसरे स्कूल में पढ़ने जाते हैं। उनको भी सुबह से ही तैयार होकर वाहन के इंतजार में ठंड के बीच खड़े होना पड़ता है। सुबह के समय ठंड का सबसे जयादा असर स्कूल में पढ़ाई कर रहे छोटे-छोटे बच्चों पर ही पड़ता है। अभिभावकों ने बताया कि सुबह ठंड की वजह से बच्चे जल्दी उठ नहीं पाते हैं। सुबह में ठंड बहुत ज्यादा रहती है। बच्चे स्कूल जाने में अपने आप को असमर्थ महसूस करते हैं। इस मौसम में बच्चों को सर्दी, नाक बंद, बुखार जैसी समस्याएं हो जाती हैं।

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