कोल ब्लॉक लेने वाली कंपनियां वेज बोर्ड के लिए राजी होंगी?
जेबीसीसीआई गठन के पूर्व उठ रहे सवाल कोयला वेतन समझौता -10 की अवधि अगले महीने समाप्त हो रही है। वेतन समझौता-11 के लिए जेबीसीसीआई गठन होना...

कोल ब्लॉक लेनेवाली कंपनियां वेज बोर्ड के लिए राजी होंगी?
धनबाद। विशेष संवाददाता
कोयला वेतन समझौता-10 की अवधि अगले महीने खत्म हो रही है। वेतन समझौता-11 के लिए जेबीसीसीआई गठन होना है। कोयला मंत्रालय ने निजी कंपनियों को भी जेबीसीसीआई में शामिल करने की कोल इंडिया को सलाह दी है। साथ ही यूनियन नेताओं की ओर से सवाल उठाया जा रहा है कि कोल ब्लॉक लेनेवाली कंपनियों को भी वेतन समझौता में शामिल किया जाएगा। यूनियनों को मंत्रालय की ओर से उन निजी कंपनियों की सूची का इंतजार है, जिन्हें जेबीसीसीआई में शामिल किया जाना है। अबतक मंत्रालय की ओर से सूची जारी नहीं की गई है।
मालूम हो कि पिछले तीन-चार वेतन समझौता से निजी कंपनियां कोयला वेतन समझौता से बाहर रही हैं। पूर्व में टाटा और इस्को जैसी कंपनियां शामिल थीं। इनके अलावा अब कई निजी कंपनियां हैं, जो कोयला खनन में सक्रिय हैं तथा कुछ कोल ब्लॉक आवंटन में शामिल भी हुई हैं। एक वरिष्ठ यूनियन नेता ने हिन्दुस्तान को बताया कि निजी कंपनियां कोयला कामगारों को कोयला वेतन समझौता के मुकाबले कम वेतन देती हैं, इसलिए प्राइवेट कंपनियां वेतन समझौते में शामिल होंगी, इसकी संभावना कम दिखती है। अबतक कोल इंडिया ठेका मजदूरों को एचपीसी (हाई पावर कमेटी) वेतन दिलाने में असफल रही है। ऐसे में निजी कंपनियों को वेज बोर्ड में शामिल करना संभव नहीं लगता। कोल इंडिया के ही आधिकारिक आंकड़ों की मानें, तो कोल इंडिया में लगभग 85 हजार ठेका मजदूर हैं। उन्हें वेज बोर्ड के अनुसार वेतन नहीं मिलता। इनके लिए गठित हाई पावर कमेटी ने अलग वेतनमान की अनुशंसा की थी, जो अबतक कोयला मजदूरों को आउटसोर्सिंग कंपनियों की ओर से नहीं दिया जा रहा है।
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